नई दिल्ली–रामलला का नाम सुनते ही सबसे पहले हमें याद आता है। अयोध्या, अयोध्या के राममंदिर को लेकर जिस तरीके से संघर्ष हुआ। और उसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद वहां पर काम चल रहा है। अब सब की नजरे बस इस पर टिकी है कि आखिरकार 2024 में मंदिर के दरवाजे कब खुलेंगे और कब भगवान राम के दर्शन हो सकेंगे। तो आज हम आपको बताते हैं कि रामलला के दर्शन करने के लिए सबसे पहले क्या करना होगा। और इस समय की सबसे बड़ी खबर अयोध्या से निकलकर सामने आ रही है।
जानकारी के अनुसार आपको बता दे की जो भक्त रामलला के दर्शन करना चाहते हैं और जो इसकी कर रख रहे हैं। वह इस समय की इस बड़ी खबर को ध्यान से पढ़ें बता दे की सुरक्षा कर्म से संत चावर क्षेत्र चरण पादुका जैसे प्रतीक कॉन को अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे।
हम आपको यह इसलिए बता रहे हैं। क्योंकि अगले साल 21 और 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मे 4000 साधु संत को न्योता देने का फैसला कर लिया गया है। यही नहीं हम आपको और आगे बता दे की श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कार्यक्रम में बुजुर्ग और उमर दरार साधु संतों को नहीं आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्म से आमंत्रित संत अपने साथ छात्र चरण पादुका जैसे प्रतीक चिन्हों को साथ नहीं लेकर जा सकेंगे।
संपत राय ने बातचीत करते हुए बताया कि जब तक देश के प्रधानमंत्री अयोध्या में रहेंगे तब तक रामलला के दर्शन कोई नहीं कर पाएगा। पीएम मोदी की रवानगी की के बाद भक्त राम लाल के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने आगे बताया कि पूरे देश में नाम कमाने वाली हस्तियों को यहां पर आमंत्रित किया जाएगा।राम मंदिर आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वालों को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलाया जाएगा। राम जन्मभूमि परिसर में आमंत्रित लोगों को सूची के तौर पर अंदर एंट्री दी जाएगी यही नहीं बाकी लोगों को अयोध्या की तर्ज पर अपने घरों और मंदिरों में कार्यक्रम का प्रसाद बताकर खुशियां मनाने के लिए कहा जाएगा।