नई दिल्ली Employee Pension Scheme: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को ईपीएफओं की ओर से काफी सारी सुविधाएं दी जाती हैं। इसमें ईपीएफओं की ओर से काफी सारी पेंशन स्कीम चल रही हैं। आपको बता दें पीएफ खाते में हर महीने कर्मचारी की सैलरी और डीए का 12 फीसदी जमा होता है। वहीं कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन भी इतना ही होता है कि इसमें से 8.33 फीसदी रकम कर्मचारी की पेंश फंड में जाती है। और बाकी के 3.67 फीसदी की रकम पीएफ खात में जमा की जाती है। इसके बाद 58 साल पूरे होने पर कर्मचारी को पीएफ खाते में एकसाथ पैसा जमा किया जाता है। लेकिन पीएफ की रकम उसके योगदान के आधार पर एक फॉर्मूले के आधार पर की जाती है। चलिए यहां पर उसके कैलकुलेशन के बारे में डिटेल से जानते हैं।
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जानिए क्या है पेंशन का फॉर्मुला
आपको बता दें रिटायरमेंट के बाद आपको कितनी पेंशन मिलती है इसका फॉर्मूला दिया गया है। इसमें कर्मचारी की मंथली सैलरी = पेंशन योग्य वेतन * पेंशन योग्य सर्विस। मौजूदा नियमों के मुकाबिक किसी भी कर्मचारी की सैलरी का 8.33 फीसदी पेंशन खाते में जमा होती है। बहराल पेंशन योग्य सैलरी की मैक्जिमम 15 हजार रुपये है। ऐसे में यदि किसी की सैलरी 15 हजार रुपये है तो आपको 1250 रुपये मंथली पेंशन आपके खाते में जमा की जाएगी।
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वहीं कैलकुलेशन की बात करें तो यदि किसी की मंथली सैलरी 15 हजार रुपये है और नौकरी की अवधि 20 सालों की है तो फॉर्मूले के मुताबिक 4286 रुपये की मंथली पेंशन का लाभ होगा। वहीं यदि किसी नौकरी का समय 25 साल है तो उसके खाते में 5357 रुपये पेंशन जाएगी। इसके बाद 30 साल की नौकरी होने पर 6428 की पेंशन बनेगी। वहीं यदि 15 हजार रुपये वाली लिमिट हट जाती है तो फॉर्मूले के मुताबिक 12,857 रुपये की पेंशन दी जाएगी।
क्या है नियम और शर्तें
इसके लिए आपको सबसे पहले ईपीएफओ का सदस्य होना चाहिए।
इसके बाद कम से कम 10 साल की नौकरी करना जरुरी है।
इसके बाद 58 सालका होने पर पेंशन मिलनी शुरु हो जाती है। 50 साल के बाद और 58 साल से पहले पेंशन का ऑप्शन नहीं मिलता है।
इससे पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन का लाभ होगा। इसके लिए फॉर्म 10डी को फिल करना होगा।
वहीं कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को पेंशन का लाभ होता है।
10 साल से कम है तो उनको 58 साल की आयु में पेंशन राशि निकालने का ऑप्श मिलेगा।