नई दिल्ली- कोटा में बढ़ रहे हैं सुसाइड मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता व्यक्त की शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग सेंटर संचालकों और अफसर के साथ मीटिंग की इस दौरान सीएम ने एक समिति गठन करके 15 दिनों में रिपोर्ट सपना के निर्देश दिए है।
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा इस मुद्दे पर संवेदनशील रही है। और समय-समय पर राज्य के कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के तनाव मुक्त और सुरक्षित माहौल महिया करने के लिए दिशा निर्देश जारी करती रहती है।
मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात बदलने का समय आ गया है क्योंकि बच्चों को आत्मघाती कदम उठाते हुए। नहीं देखा जा सकता है सीएम ने कहा कि नवीन और दसवीं कक्षा में विद्यार्थियों को कोचिंग संस्थानों में दाखिला करवाया जाता है। जो अपराध जैसे ही है। क्योंकि उसे पर अतिरिक्त प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा आप नवी 10वीं कक्षा में छात्रों को बुलाते हैं आप कितना बड़ा अपराध कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो कोई ईट बन गया हो खुदा बन गया हो कोचिंग में आते ही छात्रों का स्कूल में ड्रामा शुरू हो जाता है। मतलब की ड्रामा नामांकन कर दिया जाता है यहां माता-पिता की गलती है छात्रों का स्कूलों में डमी नामांकन करवाया जाता है। और वह स्कूल नहीं जाते हैं। उन पर बोर्ड परीक्षा पास करने और प्रवेश परीक्षा की तैयारी का दौरा भरा रहता है।
छात्रों की आत्महत्या को देशव्यापी समस्या बताते हुए। मुख्यमंत्री ने कहा राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश में 2021 में विद्यार्थियों की आत्महत्या के 13000 में से 13 अधिक मामले जिसमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1834 मध्य प्रदेश में 1308 तमिलनाडु में 246 कर्नाटक में 855 और उड़ीसा में 834 मामले दर्ज हुए राजस्थान में या आंकड़ा 633 है। जो दूसरों की तुलना में काम है। लेकिन राज्य इस मुद्दे के प्रति गंभीर और संवेदनशील है।