नई दिल्ली- सीएम अशोक गहलोत जनता को महंगाई राहत कैंप के माध्यम से राहत देने की प्रयास कर रहे हैं। वह फूड पैकेट योजना के तहत गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं। लेकिन योजना के शुरुआत में ही ब्रेक लग गया है। दरअसल फूड पैकेट के मसाले की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों के बीच बाड़मेर में फूड पैकेट वितरण पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया गया है। बाड़मेर जिला कलेक्टर के निर्देश पर मसाले के सैंपल लेकर जांच के लिए जोधपुर भेजे गए संभवत अब जांच के बाद ही लापरवाहों पर कार्यवाही की जा सकती है।
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस के दिन ही मुख्यमंत्री निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट वितरण का शुभारंभ किया था। इसके अगले दिन ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें मिर्च पाउडर के एक बुरादे की तरह नजर आ रहा था और लाल मिर्च पाउडर के रंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे थे। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स गहलोत सरकार को जमकर निशाने पर ले रहे हैं इसके साथ बाड़मेर जिला कलेक्टर इन वीडियो को संज्ञान में लेते हुए फूड पैकेट वितरण पर अभी रोक लगा दी है। साथ ही फुट पैकेट के मसालों के सैंपल लेकर जोधपुर भेज दिए गए जब जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा।
बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर अंजुम तामीर राम ने बताया कि दो वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासन के संज्ञान में आए थे एक वीडियो बाड़मेर का नहीं था। और दूसरा बाड़मेर के घर नई तहसील से पाया गया तो अभी आप फूड की ओर से जिले कितने सप्लाई कराई थी। प्रशासन ने मसाले के सैंपल लेकर जोधपुर भेजे हैं। एनडीए के मुताबिक तहसीलदार के प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पैकेट में मिर्ची ही थी लेकिन मिर्च का रंग हल्का था। रिपोर्ट में सरकार के टेंडर की शर्तों या कल इलेक्ट्रिक का उल्लंघन होना पाया जाता है। जो संबंधित टेंडर धारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी प्रशासन ने अभी जिले में फूड पैकेट वितरण पर रोक लगा दी है।
मिर्ची की क्वालिटी को लेकर जब गहलोत सरकार की सोशल मीडिया पर जमकर फसीहत होने लगी। तो जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने एटीएम के नेतृत्व में हसो के पास सदस्य टीम बैठी जांच कमेटी ने शुक्रवार को विभिन्न इलाकों में जाकर राशन डीलर्स की दुकानों पर फूड पैकेट की जांच पड़ताल की है। वही सीएमएचओ एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने मिर्च और अन्य मसाले के सैंपल लेकर जोधपुर जांच के लिए भेजें है।