नई दिल्ली- राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव है। भाजपा हर हाल में सत्ता में वापसी करना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतर चुकी है। पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी रणनीति को देख रहे है। और उन्हीं के चेहरे पर भाजपा चुनाव लड़ेगी।
भाजपा ने चुनाव से पहले प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकालने का फैसला कर रही है। यह यात्रा प्रदेश की चारों दिशाओं से निकल जाएगी। यानी भाजपा एक नहीं कर परिवर्तन यात्राएं निकलेगी। अलग-अलग दिन शुरू होने वाली इन यात्राओं की शुरुआत केंद्रीय स्तर के नेता करेंगे। हालांकि किसी भी एक नेता के नेतृत्व में यह यात्रा नहीं निकाली जाएगी। यानी कोई भी नेता इन यात्रा का चेहरा नहीं होगा प्रदेश स्तर के सभी नेता इन यात्राओं में शामिल होंगे।
भाजपा प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण चौरसिया ने बताया कि परिवर्तन यात्रा के दिन और रूप तय कर दिए गए है। परिवर्तन यात्राएं प्रदेश की चारों चारों दिशाओं से निकाली जायेगी। चारों यात्राएं 8982 किलोमीटर का सफर तय करेगी। और प्रदेश की सभी 200 सीटों पर पहुंचेंगी।
विधानसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही है। भाजपा की चारों परिवर्तन यात्राओं को जेपी नड्डा और केंद्रीय स्तर के नेता रवाना करेंगे। भाजपा ने किसी एक चेहरे को इन यात्राओं का जिम्मेदार नहीं बनाया है। ना ही किसी को जिम्मेदारी दी है। पैसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि प्रदेश स्तर की यात्राओं में भाजपा आलाकमान का मां ने किसी भी स्थानी नेता को जिम्मेदारी क्यों नहीं दी है।
राजनीतिक जानकारों की माने तो इसका सबसे बड़ा कारण पार्टी की गुटबाजी को बताया जा रहा है। किसी एक चेहरे को आगे करने से पार्टी के अन्य नेता नाराज हो सकते हैं। इससे बचने के लिए पार्टी ने यह कदम उठाया पार्टी नहीं चाहती कि चुनाव से पहले किसी तरह के मतभेद सामने आए।
वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है। इससे राज्य और उनके समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं।