Panchak 2022: साल के आखिरी दिनों में पंचक का साया रहने वाला है। ऐसे में आपको बता दें कि साल 2022 यानी पौष के महीने में दिसंबर माह के 27 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक पंचक रहेगा। इतना ही नहीं इस पंचक का नाम अग्नि पंचक कहा गया है, जिन्हें धर्म एवं ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है। पंचक काल के 5 दिन को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना गया है।
हिंदू धर्म में पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है, इसे अशुभ नक्षत्र में से एक माना गया है। अशुभ नक्षत्र मान्यता है कि पंचक में किए गए कार्य शुभ फल नहीं देते हैं, साथ ही जीवन में कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पंचक काल क्या होता है और हमें किन चीजों को इस दौरान नहीं करना चाहिए।
पंचक काल का अर्थ है, जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि के बीच में होता है तभी इस समय को पंचक कहते हैं इसके अलावा जब भाद्रपद एवं रेवती में गोचर करता है तो इस काल को भी पंचक कहा गया है। दिसंबर महीने में लगने वाले इस पंचक को साल का आखिरी पंचक कहा गया है। यह पंचक 27 दिसंबर मंगलवार की सुबह 3:31 से शुरू होकर 31 दिसंबर शनिवार को सुबह 11:47 में खत्म होगी।
मंगलवार से ही शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। धर्म ज्योतिष शास्त्र में अग्नि पंचक को सबसे ज्यादा अशुभ माना गया है, इस पंचक के दौरान आग लगने की दुर्घटनाएं होने का खतरा होता है। इस पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही करना चाहिए।
इस दौरान कुछ खास काम करने की मानाही होती है, ऐसे में आइए जानते हैं कि 5 दिनों के दौरान कौन से काम नहीं करना चाहिए। पंचक के दौरान लकड़ी का सामान नहीं खरीदना चाहिए लकड़ी खरीदना अशुभ फल देता है और इससे घर में कभी भी सुख समृद्धि नहीं आती है। पंचक काल में चारपाई नहीं खरीदनी चाहिए ऐसा करने से जीवन के संकट बढ़ जाते हैं। पंचक काल में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए इससे बहुत कष्ट होता है और यात्रा सफल नहीं होता है।
पंचक काल में परिजनों की मृत्यु हो जाए तो उसकी विशेष रूप से विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करना चाहिए साथ ही शव के साथ पांच नारियल और पांच आटे की लोई से बने पुतले को भी शव के साथ जलाना चाहिए इससे परिजनों के जीवन में संकट पैदा नहीं होता हैं।