नई दिल्ली- चांद अब बस चंद्र घंटे की दूरी पर है चंद्रयान-3 का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार सुबह 1:50 पर पूरा हो चुका है। इस ऑपरेशन के बाद लैंडर विक्रम अब चंद्रमा की सतह से न्यूनतम 25 किलोमीटर दूर है और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई बता दे की डीबूस्टिंग मे स्पेस क्राफ्ट की स्पीड को धीमा किया जाता है।
ISRO ने ex-post में बताया कि अब लेंडर इंटरनल जांच होगी इसके बाद लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी हालांकि अभी लैंडर विक्रम इंतजार करेगा साइट पर यूजर नहीं निकलता तब तक इंतजार करेगा। 23 अगस्त को जब यहां शाम के 5:45 अब लैंडर विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा।
चंद्रयान 1 और चंद्रयान-2 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे एम अन्य दोराई के मुताबिक 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान 3 की शर्ट लैंडिंग के आखिर 15 20 मिनट सबसे क्रिटिकल है। तब लैंडर को 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद की सतह तक पहुंचने में 15 से 20 मिनट लगेंगे।
इसरो के मुताबिक लैंडर विक्रम की लैंडिंग के बाद रैंप के जरिए 6 पहियों वाला विज्ञान रोवर बाहर आएगा इशारा मिलते ही चांद की सतह पर चलेगा खास यह है। कि रोवर के पहियों के जरिए चांद की मिट्टी पर भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और इसरो के लोगों की छाप छोड़ता जाएगा।