नई दिल्ली- महाराष्ट्र की राजनीति पिछले 3 दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई इसी क्रम में शिवसेना की तरह एनसीपी भी दो अब दो हिस्सों में बट गई है। राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने एनसीपी से निकले जाने के बाद अपनी नई पार्टी और नई टीम बना ली है। और वो आज दोपहर 12 बजे दफ्तर का उद्घाटन करेंगे। अजित पवार ने सांसद सुनील तटकरें को प्रदेश अध्यक्ष और अनिल पाटिल को विप बनाया है।
अजीत और नौ विधायकों के शपथ ग्रहण के अगले दिन ही सोमवार को एनसीपी चीफ शरद पवार ने अजित पवार और 9 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया सांसद प्रफुल्ल पटेल और समारोह के गए। शिवाजीराव गाडगे विजय देशमुख और नरेंद्र राणा को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया। शरद पवार ने सोमवार रात वकीलों के साथ मीटिंग की। एनसीपी बागियों का मुद्दा कोर्ट में ले जा सकती है। आज कांग्रेस भी एक हाई लेवल मीटिंग करेगी। इसमें महाराष्ट्र के नेता विपक्ष को लेकर चर्चा होगी।
पवार ने कही तो बड़ी बातें
1- सतारा में सोमवार को हुई रैली में शरद पवार ने कहा भाजपा देश भर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है हमारे कुछ लोग भाजपा का शिकार हो गए हैं। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी चाहिए।
2- शरद पवार आगे बोले बड़ों के आशीर्वाद से हम नहीं पार्टी की शुरुआत करने जा रहे हैं हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं को मीटिंग के लिए बुलाया है मीटिंग के सभी नेता एफिडेविट के साथ आएंगे वहां अजित पवार खेमे से कई लोग होंगे। जिसका कहना है। कि उनकी विचारधारा एनसीपी से अलग नहीं है और वह अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे।
अजित पवार और अन्य आठ विधायकों की बगावत के बाद एनसीपी ने सभी बागियों को डिश क्वालीफाई करने के लिए विधानसभा में स्पीकर राहुल और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजीत की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्यवाही करने से पहले अपने पक्ष को भी सुने शरद पवार ने भी सोमवार को अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात की।
उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा था। कि उनके साथ पार्टी के 53 से 40 विधायक है। यानी एक तिहाई से ज्यादा उन्होंने एनसीपी छोड़कर शिवसेना भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है। बल्कि एनसीपी के तौर पर यह एक कदम आगे के लिए उठाया है। और उन्होंने आगे कहा कि हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने आगे कहा कि डेमोक्रेसी में इसका महत्व दिया जाता है हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है। और युवा लीडरशिप को आगे चलाना चाहते हैं। और आगे इसे लाना चाहिए।
शरद पवार के लिए सदमा है। हालांकि उन्होंने यह जल करने नहीं दिया यही कहा है। कि फिर जनता के बीच जाएंगे यानी वह हारे नहीं है।
एनसीपी वह चुनाव चिन्ह पराजित के दावे पर कितना दम रहेगा अजीत खेमे का दावा है। कि एनसीपी के मौजूदा 53 में 40 विधायकों का समर्थन है। शिंदे मामले में चुनाव आयोग की संख्या देखते हूं। शिंदे गुड के पक्ष में फैसला दिया गया था।