नई दिल्ली– मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता कार्यकर्ता सांसद मध्य प्रदेश में अपनी जमीन तलाश रहे और 2023 के चुनाव में फतह हासिल करने के लिए जनता को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। इन सब के बीच एक सवाल सवाल यह है कि जिन नेताओं को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी टिकट नहीं देगी तो क्या वह आम आदमी पार्टी का हाथ थाम कर चुनावी मैदान में उतरेंगे इसके लिए क्या रणनीति है किस तरीके के नेताओं की सोच है हम आपको बताते हैं।
देखिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने नए फार्मूले के तहत इस बार चुनावी मैदान में दावेदारी कर रही है। वहीं कांग्रेस की तरफ से भी मध्य प्रदेश में 144 उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया गया लेकिन इन सब के बीच में कांग्रेस पार्टी के नेता जिनका कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया वह नाराज चल रहे हैं। यही भीम भारतीय जनता पार्टी में भी चल रही है।
हम आपको बता दें कांग्रेस से नाराज पूर्व सांसद ने इस मौके पर बड़ा बयान दिया पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि जब कांग्रेस के पास विकल्प खुले हैं तो फिर दावेदारों के पास भी बहुत सारे विकल्प नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजनीति त्रिकोणी होती जा रही क्योंकि मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी पूरी ताकत लगा चुकी और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नए राज नेताओं को शामिल करने की कवायत शुरू कर दी गई।
मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को भी मैदान में उतर गया है यानी कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को भी यहां पर उतारा है।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया लेकिन अभी आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी भी प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतर गया शायद यह वजह जो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी से नाराज नेता है। उनको आम आदमी पार्टी अपने में शामिल करने के बाद उन्हें मैदान में उतर सकती अगर ऐसी स्थिति हुई तो मध्य प्रदेश की राजनीति त्रिकोणी हो जाएगी।