नई दिल्ली- 2024 में लोकसभा का चुनाव लेकिन उसके पहले सियासत तेज हो गई। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच के टकराव को लेकर अब सवाल उठने शुरू हो गए क्योंकि इन दो दिनों से दोनों तरफ से बयान आने बंद हो गए। तो क्या मामला शांत हो गया है। या फिर अंदर खाने में जुबानी जंग अभी तक जारी हम पूरी खबर आपको इनसाइड स्टोरी के रूप में बताते है।
28 साल मिलकर एक गठबंधन बना नाम दिया गया इंडिया और 2024 में भारतीय जनता पार्टी को हारने के लिए इंडिया गठबंधन को सत्ता से हटाने के लिए इंडिया नाम का गठबंधन बनाया गया यह गठबंधन में उत्तर प्रदेश का अहम रोल माना जा रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले ही तोड़ मरोड़ शुरू हो गई यह ऐसे शुरू हुई जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने पहली लिस्ट जारी कर दी पहली लिस्ट जारी होते ही हंगामा शुरू हो गया।
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को धोखेबाज बता दिया यही नहीं जब उसे पर बयान आया तो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को चिरकुट नेता तक कह दिया लेकिन इन दो दिनों से दिल्ली के फोन आने के बाद से अखिलेश यादव भी पूरी तरह से नरम है। और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की तरफ से भी कोई बयान नहीं आ रहा है। तो क्या मामला शांत हो गया यह लगातार सवाल बना हुआ है हम आपको बताते हैं। कि आखिरकार हुआ क्या है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश की एंट्री हुई और 2018 में जहां से एक सीट पर समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार जीता था वहां पर भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतार दिया जिसके बाद सियासत तेज हुई और अखिलेश यादव चले गए और उनकी चुडन इतनी हो गई कि कांग्रेस को धोखेबाज तक कह दिया।
इसके बाद कांग्रेस की तरफ से भी नेताओं ने बयान बाजी शुरू की लेकिन मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से कुछ नहीं कहा गया आप देखने वाली बात यह है। कि क्या दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी थम गई है। या सिर्फ सार्वजनिक तौर पर बयान बाजी को रोका गया है।
मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अभी तक उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया और समाजवादी पार्टी की नजर मध्य प्रदेश की 60 ऐसी विधानसभा है जिन पर वह लगातार नजरे बनाए हुए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी किस तरीके से समाजवादी पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों को मैदान में उतर जाता किस तरीके से चुनाव होता है।