नई दिल्ली। केदारनाथ (Kedarnath) का दरबार जब खुलता है, तो भक्तों से भरा हुआ नजर आता है। बाबा केदार के दर्शन करके भक्त बेहद ही ज्यादा खुश नजर आते हैं। भक्त बाबा केदार के जयकारे भी खूब लगाते हैं। बाबा केदार के दर्शन करके भक्तों में बेहद ही ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है।
सुबह और शाम के समय में मंदिर परिसर भक्तों से भरा पड़ा हुआ होता है। बाबा केदार के दर्शन करके भक्त धन्य हो जाते हैं, उनके जीवन की सभी परेशानी हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
हालांकि, इन दिनों बाबा केदारनाथ धाम के कपाट कड़ाके की ठंड की वजह से बंद कर दिया गया है। ऐसे में पूरा केदार धाम वीरान पड़ा हुआ है। इसी बीच बाबा ललित महाराज, जो केदारनाथ में अपने तपोभूमि पर बर्फबारी और कंपकंपीत ठंड के बावजूद भी अपनी धार्मिक साधना में लीन हैं।
बाबा ललित महाराज का कहना है कि उनके गुरु ने भी केदारनाथ में तपस्या की थी, और इसी के बाद से वह भी लगभग 14 सालों से धाम में रहकर तप कर रहे हैं। उनका दृढ विश्वास है कि बर्फबारी और तूफान के बावजूद, धाम से वे कभी भी नहीं हटेंगे।
केदारनाथ धाम में साधना रत सन्त ललित रामदास जी महाराज। pic.twitter.com/JMCZti23kd
— Kedarnath Dham (@kedarnathdham11) March 8, 2022
धाम में आश्रम का निर्माण और सेवा
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बावजूद, बाबा ललित महाराज ने वहां अपने आश्रम की नींव रखी हैं। 2013 की आपदा के बाद, उनके सहयोग से मंदिर के प्रशासन ने ललित महाराज के आश्रम का निर्माण किया, जो आज एक साधना केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है।
आश्रम में गुफाएं और ध्यान केंद्र
ललित महाराज के आश्रम में बनी गुफाएं ध्यान और तपस्या के लिए सांत्वना भरी हैं। वर्तमान समय ने 6 अन्य साधु तपस्यारत हैं ,जो धाम में गौ सेवा भी कर रहे हैं।
केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के बीच तपस्या रत श्री ललित महाराज जी के दर्शन। pic.twitter.com/o9g2cjNvSB
— Kedarnath Dham (@kedarnathdham11) January 25, 2022
यात्रीयों के लिए स्वागत
यात्रा सीजन में जिन यात्रियों को रहने की जगह नहीं मिलती, उनके लिए बाबा ललित महाराज अपने आश्रम में रहने और खाने की व्यवस्था करते हैं. इससे यात्री धाम के सुंदरता का आनंद लेते हुए अपनी भक्ति में लीन हो जाते हैं।
दरअसल, बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद यहां भक्त जन नहीं आते हैं। ऐसे वक्त में गिने चुने साधु-संत ही रहते हैं, जो सुबह-शाम बाबा केदार की पूजा करते हैं। बर्फबारी में कई बार 6 से 7 फीट मोटी बर्फ जम जाती है, जिधर देखो उधर सफेदी ही दिखाई देती है। लेकिन बर्फबारी और कंपकंपाती ठंड में भी यह ‘अजूबे’ साधु तपस्या में लीन दिखाई देते हैं।
यह कोई दो साल की बात नहीं है, बल्कि ललित महाराज का पिछले कई वर्षों से यही रूटीन बन चुका हुआ है। ललित के शरीर पर ठंड का कोई असर नहीं दिखता है।