नई दिल्ली – यूरोपीय संसद में मणिपुर की स्थिति पर प्रस्ताव लाए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि मणिपुर जलता है। संसद में भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा होती है। लेकिन पीएम ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा इस बीच उन्हें रफ्फेल ने वेस्टर्न डे परेड का टिकट दिला दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि मणिपुर के हालात पर यूरोपीय संसद में चर्चा हुई और विरोध में प्रस्ताव लाया गया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक 1 शब्द भी नहीं बोला कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार को घेरा है।
राहुल गांधी ने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा जल गया यू संसद ने भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा की पीएम ने इस पर एक शब्द नहीं कहा इस बीच रफेल ने उन्हें वेस्टर्न डे परेड का टिकट दिला दिया बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के ट्रांस दौरे पर गए थे शुक्रवार को वह प्रांत के राष्ट्रीय दिवस के बतौर अतिथि शामिल हुए। पीएम को फ्रांस सरकार की तरफ से आमंत्रित किया गया था।
दरअसल यूरोपीय संघ की संसद में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया इसमें मणिपुर हिंसा को लेकर भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर बात की और आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति मौजूदा स्थिति बनी हुई प्रस्ताव में मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद होने का भी जिक्र किया गया।
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा जनवरी 1977 में एल विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रिजल्ट नेशनल ने द मून एंड द ग्रेट नामक एक बेहद चर्चित लेख प्रकाशित किया था। ग्रैजुएट स्कूल में मेरे जैसे लोगों के लिए इसे पढ़ना जरूरी हो गया।
कांग्रेस नेता ने कहा यह जरूरी और सोचने वाली बात है जो हमारे लिए भी तो सत्संगी है। उन्होंने कहा कि हम चंद्रमा पर जा सकते हैं लेकिन हमारे लोगों को घर पर जिन बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनसे निपटने में असमर्थ इच्छुक नहीं है लेख का भारतीय डिश इन द मून एंड मणिपुर हो सकता है।
बताते चलें कि मणिपुर में करीब 2 महीने से हिंसा देखने को मिल रही है वही आदिवासी के दो समुदाय को कि में मैत्री के बीच हिंसक झड़पें हो रही अलग-अलग घटनाओं 100 से ज्यादा लोगों की मौत है सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हिंसा में बड़े स्तर पर बवाल चल रहा है। तोड़फोड़ और आगजनी हुई। जिसमें करोड रुपए का नुकसान हुआ है। विपक्षी दलों ने सरकार पर ही सर रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली – यूरोपीय संसद में मणिपुर की स्थिति पर प्रस्ताव लाए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि मणिपुर जलता है। संसद में भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा होती है। लेकिन पीएम ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा इस बीच उन्हें रफ्फेल ने वेस्टर्न डे परेड का टिकट दिला दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि मणिपुर के हालात पर यूरोपीय संसद में चर्चा हुई और विरोध में प्रस्ताव लाया गया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक 1 शब्द भी नहीं बोला कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार को घेरा है।
राहुल गांधी ने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा जल गया यू संसद ने भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा की पीएम ने इस पर एक शब्द नहीं कहा इस बीच रफेल ने उन्हें वेस्टर्न डे परेड का टिकट दिला दिया बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के ट्रांस दौरे पर गए थे शुक्रवार को वह प्रांत के राष्ट्रीय दिवस के बतौर अतिथि शामिल हुए। पीएम को फ्रांस सरकार की तरफ से आमंत्रित किया गया था।
दरअसल यूरोपीय संघ की संसद में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया इसमें मणिपुर हिंसा को लेकर भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर बात की और आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति मौजूदा स्थिति बनी हुई प्रस्ताव में मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद होने का भी जिक्र किया गया।
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा जनवरी 1977 में एल विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रिजल्ट नेशनल ने द मून एंड द ग्रेट नामक एक बेहद चर्चित लेख प्रकाशित किया था। ग्रैजुएट स्कूल में मेरे जैसे लोगों के लिए इसे पढ़ना जरूरी हो गया।
कांग्रेस नेता ने कहा यह जरूरी और सोचने वाली बात है जो हमारे लिए भी तो सत्संगी है। उन्होंने कहा कि हम चंद्रमा पर जा सकते हैं लेकिन हमारे लोगों को घर पर जिन बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनसे निपटने में असमर्थ इच्छुक नहीं है लेख का भारतीय डिश इन द मून एंड मणिपुर हो सकता है।
बताते चलें कि मणिपुर में करीब 2 महीने से हिंसा देखने को मिल रही है वही आदिवासी के दो समुदाय को कि में मैत्री के बीच हिंसक झड़पें हो रही अलग-अलग घटनाओं 100 से ज्यादा लोगों की मौत है सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हिंसा में बड़े स्तर पर बवाल चल रहा है। तोड़फोड़ और आगजनी हुई। जिसमें करोड रुपए का नुकसान हुआ है। विपक्षी दलों ने सरकार पर ही सर रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।