नई दिल्लीः केंद्र व राज्य सरकारें इन दिनों बेटियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जो लोगों का दिल जीतने का काम कर रही हैं। सरकारों का मकसद बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। बेटियों के लिए तमाम स्कीम इन दिनों जनकल्याणकारी साबित हो रही हैं।
अगर ऐसे में बेटियों की सहायता के नाम पर कोई फर्जीवाड़ा कर दे तो इसमें सरकार की नाकामियों पर सवाल तो खड़े होना लाजमी हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक ठेकेदार नव विवाहित जोड़ों को नकली एलईडी टीवी का वितरण करा दिया। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज भी कर ली है। जानकारी के अनुसार, किसी भी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई। आरोपी ठेकेदार पर 1850 नकली एलईडी टीवी बांटने का आरोप लगा है।
मामले में चल रही जांच
एलईडी टीवी में हुई गड़बड़ी के मामले में अब जांच चल रीह है। दूसरी ओर सागर सागर कलेक्टर दीपक आर्य के अनुसार हितग्राहियों की तरफ से एलईडी टीवी के बार-बार खराब होने की शिकायत प्रशासन को दी जा रही थी। मामले की जांच कराने पर सप्लायर ने नकली एलईडी टीवी का वितरण करना पाया गया। इसके साथ ही कंपनी ने भी प्रोडक्ट के नकली होने की जानकारी भी दी। फिर क्या था, पुलिस कार्रवाई की गई। अब इस मामले की शुरू से जांच की जा रही है।
मंत्री के क्षेत्र में हुई धोखाधड़ी
राज्य सरकार में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र 11 2023 को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में एक नकली एलईडी टीवी वितरण मामले ने सबको हैरान कर रख दिया है।
इसमें नकली एलईडी टीवी वितरण का मामला उजाकर हुआ है। टेंडर में की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 1850 नकली एलईडी टीवी नवविवाहित जोड़ों को वितरण किए गएु। टीवी खराब होने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। प्रशासन की जांच में सेंचुरी कंपनी की तरफ से बताया गया कि प्रोडक्ट नकली है।