नई दिल्ली: 13 फरवरी को पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए रवाना हो गए हैं। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी सीमाओं को सील कर दिया है।
कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों, कंटीली तारों और कंटेनरों की दीवारों का इस्तेमाल कर सीमाओं को बंद कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच टकराव की आशंका है।
Maruti Suzuki Swift 2024: Booking, features, launch date and price
2024 Bajaj Pulsar 125: Powerful bike with powerful updates!
किसानों की रणनीति:
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, किसान छोटे-छोटे समूहों में पैदल चलकर दिल्ली में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। वे 6 महीने का राशन भी साथ लाए हैं, ताकि वे लंबे समय तक सरकार के सामने डटे रह सकें।
प्रदर्शनकारी किसानों का लक्ष्य:
शंभू बॉर्डर (अंबाला), खनोरी (जींद) और डबवाली (सिरसा) से दिल्ली में प्रवेश करना
पीएम हाउस और गृह मंत्री आवास का घेराव करना
धर्मशाला, गेस्ट हाउस, धार्मिक स्थलों की सराय में रुकना
सुरक्षा व्यवस्था:
दिल्ली में धारा 144 लागू
7 लेयर सिक्योरिटी
पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियां और दंगा रोधी वाहन तैनात
हरियाणा में भी सीमाओं पर सुरक्षा चाक-चौबंद
किसानों और सरकार के बीच बैठक:
किसानों के साथ केंद्र सरकार की बैठक सोमवार को बेनतीजा रही थी। इसके बाद किसानों ने मंगलवार को दिल्ली चलो मार्च शुरू कर दिया।
पथराव और आंसू गैस:
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पुलिस ने कहा कि उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी और ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
बैरिकेड तोड़ने की कोशिश:
किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पहले लेयर की बैरिकेड को तोड़ दिया है और आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्रैक्टरों से सीमेंट के बैरिकेड को हटाया।
लाल किला बंद:
दिल्ली का प्रसिद्ध लाल किला पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के चलते बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह फैसला लिया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था:
टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यातायात सलाह जारी की गई है और कई बिंदुओं पर मार्ग डायवर्जन किया गया है। पुलिस यह भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी आपातकालीन वाहन टिकरी बॉर्डर पर न फंसा रहे।
किसान नेता राकेश टिकैत का बयान:
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि “देश में बड़ी पूंजीवादी कंपनियां हैं। उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बना ली है और इस देश पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में दिक्कते आएंगी ही। अगर दिल्ली मार्च कर रहे किसानों के साथ कोई अन्याय हुआ या सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना वो किसान हमसे ज्यादा दूर हैं और ना दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है.”