नई दिल्ली- बारिश और बाढ़ के बीच मौसम जनित बीमारियों ने घेर लिया है दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ और तमाम राज्यों में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों के अस्पतालों में पहुंचने का सिलसिला बना हुआ एक्सपर्ट का कहना है। कि हर साल बरसात के मौसम में बड़ी संख्या में लोग इस रोग से प्रभावित होते हैं। या रोग एक-दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है। या किसी को देखने से नहीं बल्कि छूने से फैलता है।
बता दें कि दिल्ली में बारिश और बाढ़ का कहर है। इस बीच आई फ्लू की दस्तक से बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बीमार कर दिया है। छत्तीसगढ़ भी संक्रमण की बीमारी से अछूता नहीं रहा है वहां आई फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि होने के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है शुक्रवार को शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए। कि आई फ्लू से संक्रमित बच्चों को स्कूल ना बुलाया जाए ताकि आगे के प्रसार को रोका जा सके।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने बताया कि राज्य में आई फ्लू के 19873 मामले दर्ज किए गए राज्य में आई फ्लू से पीड़ित के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं संक्रमण से पीड़ित लोग 3 से 7 दिन में अपने आप ठीक हो जा रहे हैं। बच्चों के मामलों में लगातार उनकी संख्या बढ़ती जा रही इसके लिए स्कूल बंद किए जग जाएंगे क्योंकि इससे पढ़ाई प्रभावित होगी। संक्रमण वाले बच्चों को सुलाने के लिए मना कर दिया जाएगा।
सिंह देव ने कहा कि लोग शिक्षा संचालन में स्कूल शिक्षा विभाग के सभी संयुक्त निर्देशकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को i-flo और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के संबंध में आदेश जारी किया गया है। जिन बच्चों को i-flo है। उन्हें स्कूल ना आने के लिए कहा गया है अधिकारियों से कहा गया है। कि वह सरकारी और निजी स्कूलों को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें।
लोक शिक्षा संचालन एक पात्र में कहा है कि मेडिकल कॉलेजों जिला अस्पतालों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेत्र परीक्षण और इलाज की सुविधा मुफ्त उपलब्ध करवाई गई।
दिल्ली के अस्पतालों में आंखों के संक्रमण के मामले में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही अखिल भारतीय आयुर्वेद ज्ञानिक संस्थान में हर रोज करीब 100 मामले सामने आ रहे हैं। एम्स के आरती सेंटर के प्रमुख डॉक्टर जेएस ने आंखों में संक्रमण के बढ़ते मामलों को महामारी करार दिया है। उन्होंने कहा कुछ दिन मैं ऐसे मामलों की संख्या चरम पर पहुंच सकती है। उसके बाद संख्या में कमी आ सकती है।