नई दिल्ली- मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाब कांड को लेकर सियासत की नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित दसमत रावत के चरण धोकर डैमेज कंट्रोल किया लेकिन अब असली और नकली पीड़ित को लेकर वाद विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं। कि पीड़ित की जगह किसी दूसरे शख्स को मुख्यमंत्री से मिलवाने भोपाल ले जाया गया। याद आवे दशमत रावत की कद काठी पुलिया और उसकी भाव बनियों के आधार पर किए जा रहे थे। उधर सुबह की सरकार ने इस अफवाह का खंडन किया है।
दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए दावा किया सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा शिवराज ने किसी और के भाव धोने की नौटंकी की असली पीड़ित लापता है। शिवराज जी इतना बड़ा षड्यंत्र मध्य प्रदेश आपको माफ नहीं करेगा।
हालांकि इससे पहले ही सोशल मीडिया यूजर्स तरह तरह की बातों से पीड़ित के असली और नकली होने का दावा करने लगे थे। एक शख्स ने लिखा मेरे हिसाब से मध्यप्रदेश में आरोपी प्रवेश शुक्ला ने किस आदिवासी लड़के पर पेशाब किया था वह और इस दशमत रावत में काफी आसमानता है। पेशाब कांड वाले पीड़ित की उम्र 16-17 से अधिक नहीं लग रही जबकि जिसके पैर छुए गए. वह दशमत रावत की उम्र करीब 35-30 साल लग रही वायरल वीडियो में लड़के बाल काले घने और घुंघराले थे पीड़ित मानसिक विकलांग लग रहा था। जबकि दशमत रावत के बाल सफेद है। और मानसिक स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक है।
इस मामले को लेकर सीधी पुलिस अधीक्षक एसपी राकेश कुमार वर्मा ने बताया कुबरी गांव में हुई। अपमानजनक घटना के पीड़ित यानी दशमत रावत को ही मुख्यमंत्री आवास में ले जाकर सम्मान किया गया है। मतलब सोशल मीडिया पर चल रही इन अफवाहों का खंडन करते हुए एएसपी ने विराम लगा दिया है। जिला कलेक्ट्रेट समृत मालवीय ने भी कहा वायरल वीडियो मामले में करती पर कुछ न्यूज़ चैनल मीडिया ग्रुप में या भ्रामक खबर चलाई जा रही है। कि वीडियो में देख रहे पीड़ित व्यक्ति दशमत रावत नहीं है। चक्की पुलिस विवेचना में पुष्टि की जा चुकी है। कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दशमत रावत ही है।
यही यही नहीं खुद पीड़ित दशमत रावत ने ही पुष्टि कर दी। पीड़ित के अनुसार यह घटना साल 2020 की है मैं शराब के नशे में था पीड़ित कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। मैंने यह भी नहीं देखा कि मुझ पर पेशाब करने वाला शख्स कौन था। जब यह वीडियो वायरल हुआ तो मुझे थाने और फिर कलेक्टर साहब के पास ले जाया गया जहां मैंने बार-बार झूठ बोला की वीडियो में प्रताड़ित होने वाला सच में ही हूं। लेकिन जब आरोपी प्रवेश शुक्ला ने खुद अपराध कबूल कर लिया तो मुझे विश्वास हुआ।