Mental Health: बच्चा पढाई से परेशान हो गया हैं, माता-पिता करे उसकी मदद

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Health Desk

बच्चों को लेकर पेरेंट्स के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, और इसके साथ ही आता है उनका ध्यान और सामर्थ्य उनके बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को समझने में। शिक्षा सिस्टम की प्रेशर और कम उम्र में पढ़ाई के दबाव बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं। इस समस्या को गंभीरता से लेकर बच्चों को समर्पित ध्यान देना जरूरी है।

पेरेंट्स को अपने बच्चों के साथ खुले मन से बातचीत करना चाहिए ताकि उन्हें अपनी चिंताओं और तनाव को साझा करने का मौका मिले। साथ ही, पेरेंट्स को बच्चों के विशेष रुचि और क्षमताओं को समझने का प्रयास करना चाहिए, ताकि उन्हें उनके इरादों का समर्थन किया जा सके और वे अपने आप को समझे। इसके अलावा, स्कूल और सोशल सेटिंग्स में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी है, ताकि बच्चे अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए सही साथी प्राप्त कर सकें।

मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं और उनके लक्षण

बच्चों की मेंटल हेल्थ देखभाल के महत्व को अधिक से अधिक समझा जा रहा है। इसके लिए, पेरेंट्स को बच्चों के अद्वितीय लक्षणों को पहचानने में सक्षम होना चाहिए।

  1. गुस्से में रहना: यदि आपका बच्चा हर समय गुस्से में रहता है और उसका सामान्य स्वाभाव परिवर्तित हो गया है, तो यह उसकी मेंटल हेल्थ का संकेत हो सकता है।
  2. सामाजिक अपवाद: बच्चा पहले की तुलना में अधिक अकेलापन या अलगाव महसूस कर रहा है, तो यह उसकी तनाव या डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।
  3. खानपान पर ध्यान न देना: अगर बच्चा अच्छे से नहीं खा रहा है और उसका भोजन के साथ संबंध कम हो रहा है, तो यह मेंटल हेल्थ समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  4. सोने-जागने के पैटर्न में बदलाव: अगर बच्चा सोने और जागने के पैटर्न में बदलाव दिखा रहा है, तो यह उसके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

मेंटल हेल्थ संभालने के उपाय

  • खुलकर बातचीत करें: बच्चों के साथ खुले मन से बातचीत करें, ताकि उन्हें अपनी समस्याओं को साझा करने का अवसर मिले।
  • सोशल प्रेशर से दूर रहें: उन्हें प्रतिस्पर्धा में नहीं डालना चाहिए, बल्कि उन्हें मोटिवेट करना चाहिए कि वे अपनी क्षमताओं का उपयोग करें।
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