African Swine Fever Virus: पुणे में दस्तक दिया वायरस, जाने जल्द!

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Health Desk

African Swine Fever Virus: अफ्रीकन स्वाइन फीवर एक संक्रामक बीमारी है जो सुअरों को प्रभावित करती है। यह वायरस पिग्स को मर जाने की क्षमता रखता है और इससे इन्फेक्शन होने पर उनमें विभिन्न लक्षणों का प्रकट होता है। हाल ही में पुणे में इस वायरस के कुछ मामले सामने आए हैं, जिससे प्रशासन ने सुअरों की किलिंग को बढ़ावा दिया है। इसका कारण है कि यह वायरस मृत्यु दर 100 प्रतिशत होती है और यह बहुतें सुअरों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इस बीमारी का प्रसार आकस्मिक रूप से होता है और इसका कोई ठीककरण उपाय नहीं है। समर्पितता और तत्परता के साथ इसे नियंत्रित करने की कड़ी मेहनत की जा रही है। सुअरों के बीमार होने पर त्वरित कदम उठाना और उचित सावधानियों को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

क्या है ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ ?

अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस (ASFV) सुअरों में होने वाली एक घातक और संक्रामक बीमारी है जिसका प्रसार सुअर से सुअर होता है। यह बीमारी पालतू और जंगली सुअरों में दोनों हो सकती है और इसके प्रकारों में कई रूप शामिल हैं। यह वायरस सुअरों की आंतरजालीय सुरक्षा को प्रभावित करता है और मृत्यु दर भी उच्च है। इससे ग्रस्त सुअरों में तेजी से बीमारी फैलती है और उनके शीघ्र मरने का कारण बन जाती है। इस बीमारी के मामले मुक्त क्षेत्रों में प्रमाणित हो रहे हैं, और सरकारें सुअरों के संरक्षण में सख्ती से कदम उठा रही हैं। यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि यह मानवों को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि इसका कोई इलाज या वैक्सीन अभी तक नहीं है। सावधानी और सुरक्षा के साथ इस बीमारी का प्रसार रोका जा सकता है।

अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण

अफ्रीकन स्वाइन फीवर एक गंभीर बीमारी है जो सुअरों में होती है और इसके लक्षण बहुतें हो सकते हैं, जो सुअरों की स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

  1. तेज बुखार: अफ्रीकन स्वाइन फीवर के सुअरों में अचानक तेज बुखार होता है जिससे उनकी आम गतिविधियों में कमी होती है।
  2. सांस लेने में मुश्किल: इस बीमारी से प्रभावित सुअरों को सांस लेने में कठिनाई होती है और वे थक जाते हैं।
  3. गले में खराश और खांसी: सुअरों में गले में खराश और खांसी होती है जिससे उनकी प्राणशक्ति में कमी होती है।
  4. कमजोरी और सिरदर्द: इन्फेक्टेड सुअर में कमजोरी और सिरदर्द की अधिकता हो सकती है।
  5. मांसपेशियों में दर्द: सुअरों के मांसपेशियों में दर्द हो सकता है, जिससे उनका खानपान और आम गतिविधियों में कमी होती है।
  6. दस्त और खून आना: इन्फेक्टेड सुअरों में दस्त और खून आना भी हो सकता है।

अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो सुअरों को तुरंत अलग करके उन्हें विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए ताकि समय रहते उपचार किया जा सके और बीमारी का प्रसार रोका जा सके।

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