Sanjay Dutt Fear Of His Encounter : एंटरटेनमेंट की दुनिया कुछ ना कुछ चलता ही रहता है। वहीं बात करें दिग्गज अभिनेता संजय दत्त (Sanjay Dutt) की तो इनका जीवन विवादों से घिरा रहा है। फिल्मी करियर में संजय दत्त को करीब 40 साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस बॉलीवुड एक्टर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं जिन्हें लोगों ने भी काफी पसंद किया है। लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी का एक ऐसा बुरा भी समय भी देखा है। जहां उन्हें अपनी मौत का डर सताने लग रहा था।
दरअसल, संजय दत्त को साल 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट के मामले में अवैध हथियार रखने का आरोपी करार दे दिया गया था। इसके बाद उन्हें पांच साल की जेल हुई थी। हालांकि, संजय दत्त को अच्छे व्यवहार के वजह से 8 महीने पहले ही रिहा कर दिया गया था। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब एक पूर्व IPS अधिकारी मीरान चड्ढा बोरवंकर (IPS Meeran Chadha Borwankar) ने खुलासा किया कि संजय दत्त ने जेल में अपने किस तरह से बुरे दिन काटे थे।
संजय दत्त को जेल में नहीं मिला स्पेशल ट्रीटमेंट
संजय दत्त जब जेल गए थे तब पूर्व IPS अधिकारी मीरान चड्ढा बोरवंकर ने साइरस ब्रोचा के पॉडकॉस्ट पर बताया, ‘वह (संजय दत्त) आम तौर पर अच्छा था क्योंकि पैरोल जेल उनके व्यवहार पर निर्भर रही थी। अगर उन्होंने अच्छा व्यवहार नहीं किया होता तो हम उन्हें पैरोल की अनुमति कभी नहीं देते। वह काम भी करता था और अपने लिए बीड़ी और सिगरेट भी खरीद लेता था। कुल मिलाकर ये एहसास हो गया था कि जेल में उनका व्यवहार बेहतर था।’ मीरान चड्ढा बोरवंकर ने एक और बात का खंडन करते हुए कहा कि संजय दत्त को जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता था।
संजय दत्त को था अपने एनकाउंटर का होने का डर
मीरान चड्ढा बोरवंकर ने अपनी किताब में उस समय के बारे में लिखा हुआ है कि जब संजय दत्त को ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में ट्रांसफर किया जाने वाला था तब उनको मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर काफी टेंशन थी। मीरान चड्ढा बोरवंकर के मुताबिक, ‘संजय दत्त को डर था कि कहीं वह रास्ते में किसी मुठभेड़ में ना मारे जाएं। उन्हें इतना डर था कि उन्हें पसीना तक आने लगा था और उन्हें बुखार होने की शिकायत की। संजय दत्त को बाद में एनकाउंटर के बारे में गलत धारणा के बारे में सलाह दिए जाने के बाद उन्हें जेल में ट्रांसफर कर दिया गया।’