नई दिल्ली Saikesh Gaud Success Story: हर किसी का एक सपना होता है कि पढ़ाई करने के बाद उसकी अच्छी सैलरी के साथ में नौकरी लगे। आज हम इस लेख में एक ऐसे शख्स से रुबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने पहले IIT से पढ़ाई पूरी की और 28 लाख की नौकरी मिलने के बाद उसको छोड़ दिया।
ऐसे काफी लोग होते हैं जिनको सब कुछ मिलने जाने के बाद भी सफलता पीछा नहीं छोड़ती है। ऐसे ही शख्स है जो कि कंट्री चिकन कंपनी के फाउंडर है। जिनका नाम सैकेश गौड़ हैं।
सैकेश गौड़ ने देश के बेहतरीन संस्थान आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वहां से 28 लाख रुपये के पैकेज लेकर एक टेक कंपनी में काम करने लगे लेकिन उनको उनकी खुद ही मंजिल तलाश रही थी।
सैकेश गौड़ का काम खुद करने का था वह इसके लिए एक मौका खोज रहे थे। इसमें उनका साथ 2 लोगों ने दिया, हेमाम्बर रेड्डी और मोहम्मद सामीउद्दीन। हेमाम्बर रेड्डी मुर्गी पालन मुर्गी पालन का बिजनेस करने की सोच रहे थे और इसके बारे में काफी सारी जानकारी इकठ्ठा कर रहे थे।
इसी समय उनकी मुलाकात गौड़ और समाउद्दीन से हुई। जो कि इन तीनों की आपस में बात हुई तो गौड़ ने मुर्गी पालन के बजाय काफी बड़ें स्तर से चिकन सेलिंग का बिजनेस करने का मन बनाया। इस प्रकार वर रिटेल मीट के क्षेत्र में उतर गए और जैसे ही उन्होंने काम करने के बारे में सोचा तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
यहां से मिली मदद
वहीं हैदराबाद में स्थित आईसीएआर-नेशनल मीट रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक इन्क्यूबेशन प्रोग्राम जारी था। जिससे गौड़ को काफी सहायता मिली। यहां से गौड़ को रिटेलिंग यूनिट और गुड मैन्युफैक्टरिंग प्रैक्टिसेस की स्थापना के लिए तकनीकी मार्गदर्शन मिला। इसके बाद तीनों ने मिलकर 2020 में कंट्री चिकन कंपनी की नींव रखी।
सैकेश गौड़ का उद्देश्य ऐसी दुकान को शुरु करना था जो कि साफ हो और जहां से लोग हाइजैनिक तरीके से चिकन खरीद सकें। उन्होंने अपने प्रोडक्ट को गिफ्ट आइटम की तरह पैक करने बेचना शुरु किया उनके प्रोडक्ट को काफी सराहा गया और नए तरीके से पैकिंग ने लोगों का ध्यान खीचा।
किसानों से की सीधी खरीद
वहीं कंपनी के द्वारा हैदराबाद में प्रगति नगर और कुकटपल्ली में पहला ऑथेन्टिक चिकन स्टोर ओपन किया था। यहां पर तकरीबन 70 लोगों को नौकरी मिली। यहीं नहीं कंट्री चिकन कंपनी ने तकरीबन 15 हजार पॉल्ट्री फॉर्मर्स से डील एक नेटवर्क तैयार किया और अच्छी कीमत देकर सीधे इनसे चिकन खरीदने लगे। कंपनी ने 3 प्रकार के तेलंगाना कंट्री चिकन पर फोकस रही है। ये किस्म वारियर, कडकनाथ और असिल है।
कितना हुई रेवेन्यू
वहीं कंपनी ने 2022 में 3 लाख रुपये मंथली का जनरेट किया था। 1 साल के भीतर अप्रैल 2023 तक उसका रेवेन्यू किसी रॉकेट की तरह की बढ़कर 1.2 करोड़ रुपये मंथली हो गया है। गौरतलब है कि बीते साल कंपनी को कुल 5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था। कंट्री चिकन का इस साल का लक्ष्य 50 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट करने का है।