नई दिल्ली Pension News: लोकसभा चुनावों के ऐलान के बाद केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को मालामाल करने की तैयारी में है। आपको बता दें हाल ही में राजस्थान के पेंशनरों के लिए अच्छी खबर सुना दी है। मौजूदा सरकार पिछली गहलोत सरकार के पेंशन के नियम में बदलाव करने जा रही है।
अगर इन नियमों में संशोधन किया जाता है तो रिटारमेंट के बाद यदि पेंशन में तीन महीने की देरी होती है तो कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। बहराल इससे का ज्यादा देरी हुई तो जीपीएफ की दर पर ब्याज दिया जाएगा। नए नियम के लागू होने के बाद पेंशनर्स को पेंशन मिलने में देरी नहीं होगी और न ही सरकार पर फाइनेंशियल बोझ बढ़ेगा।
गहलोत सरकार के पेंशन के नियम में बदालव की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत सरकार ने पेंशन को लेकर कुछ नियम बनाएं थे, जिनसे तहत कर्मचारी के रिटायरमेंट होने के दिन ही उसके खाते में पेंश लाभ भेजे जाने का प्रावधान था और इसमें देरी होने पर हर रोज ग्रेचुटी और पेंशन पर 9.50 फीसदी का ब्याज देने का नियम तय किया गया है। लेकिन अब राजस्थान सरकार इन नियमों के केंद्र की तर्ज पर कुछ संशोधन करने की तैयारी में हैं।
नए नियम से पेंशन मिलने की नहीं होगी देरी
खबर ये है कि भजनलाल सरकार इन नियमों को केंद्र सरकार के मौजूदा नियमों के मुताबिक बनाने की तैयारी में हैं। इसके तहत अब पेंशन बेनिफिट रिटायरमेंट की तारीख से तीन महीने तक की अवधि में दिए जाएंगे और उस पर राज्य सरकार को कोई भी ब्याज नहीं देना होगा।
अगर अवधि तीन महीने से ज्यागा होती है तो जीपीएफ की मौजूदा ब्याद दर के हिसाब से हर रोज ब्याज देती भी हैं तो उसे एक 1.5 फीसदी की सेविंग होगी। वहीं पेंशनर्स को भी पेंशन तय समय में मिलेगा, वहीं सरकार पर कोई एक्स्ट्रा भार नहीं होगा।