लेना चाहते हो Personal Loan तो दिमाग में बिठा ले ये 6 जरूरी बातें, नही तो बाद में पड़ेगा पछताना 

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Yogesh Yadav

Personal Loan Tips : यदि आप पर्सनल लोन लेने का विचार बना रहे हो तो उससे पहले अपने दिमाग में यहां नीचे बताई हुई 6 बातों को अच्छे से बिठा लीजिए और इन पॉइंट्स के आधार पर अच्छे से रिसर्च भी कीजिए। इन पॉइंट्स के आधार पर आप यह निर्णय ले सकते हो कि आपको Personal Loan लेना चाहिए या नहीं?

1. बैंक देगा पर्सनल लोन या नहीं

लोन लेना कोई आसान काम नही है क्योंकि बैंक कई सारी चीजों को देखकर और समझकर एक व्यक्ति को लोन ऑफर करता है। लोन देने से पहले बैंक एक व्यक्ति की आय, उम्र और सबसे महत्वपूर्ण उसके क्रेडिट स्कोर को देखता है। यदि किसी व्यक्ति की मासिक सैलरी 15000, 20000 या इससे अधिक होती हो तो बैंक उसे पर्सनल लोन दे देता है। 

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साथ में बैंक यह भी देखता है कि ग्राहक कितने वर्ष से नौकरी कर रहा है और क्या वह लोन की राशि को चुका पाएगा या नहीं? हालांकि 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग वाले ग्राहकों को बैंक पर्सनल लोन देता है। साथ ही ग्राहक जो भी नौकरी करता है उस नौकरी का उसे 1 साल या इससे अधिक का अनुभव होना चाहिए। अतः इसी आधार पर बैंक लोन देने के लिए तैयार होता है।

2. ग्राहक का क्रेडिट स्कोर

अन्य चीजों की तुलना में आज की डेट में एक व्यक्ति का यदि Credit Score अच्छा होता है तो उसे आसानी से लोन मिल जाता है। क्रेडिट स्कोर दरअसल 3 अंकों की एक संख्या होती है जो 300 से 700 के बीच होती है। 

क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर एक ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है जिससे यह पता चलता है कि एक ग्राहक लोन की राशि को समय पर चुकाता है या नही? यदि आपको भी आसानी से पर्सनल लोन चाहिए तो आपका सिबिल स्कोर 750 या इससे अधिक जरूर होना चाहिए।

3. पर्सनल लोन की ब्याज दरें 

किसी भी बैंक से पर्सनल लोन लेने से पहले यह जरूर चेक करें कि किस बैंक द्वारा कितने ब्याज दर से पर्सनल दिया जाता है। हालांकि लोन की राशि और लोन की अवधि के ऊपर ब्याज की दर निर्भर करती है।

4. EMI की सुविधा

मूलधन और मूलधन पर लगने वाले ब्याज को मिलाकर एक लोन तैयार होता है जिसे ग्राहक EMI के जरिए हर महीने चुकाता है। अतः लोन लेने से पहले यह कैलकुलेट कर लीजिए कि आपको हर महीने किस्त के रूप में कितनी ईएमआई देनी पड़ेगी। 

काफी सारे बैंक और एनबीएफसी ग्राहक को हर महीने एक निश्चित राशि EMI के रूप में भरने की सुविधा देते है जिसे स्टैंडर्ड ईएमआई अमाउंट कहते है। वही कई सारे बैंक और एनबीएफसी में आप ईएमआई को कम राशि से शुरू करके बाद में बढ़ा सकते हो।

5. लोन प्री–पेमेंट की शर्ते

पर्सनल लोन लेते समय इस बात पर ध्यान जरूर दें कि लोन की अवधि पूरी होने से पहले अगर आप लोन की ईएमआई भरते हो तो इससे आपको कोई नुकसान तो नही होगा? लोन ईएमआई प्री पेमेंट से संबंधित यदि कोई शर्ते बैंक या एनबीएफसी द्वारा निर्धारित की गई है तो उसे ध्यान से समझ लें। 

ऐसा इसलिए क्योंकि कई सारे बैंक ग्राहक के ऊपर लोन की पी पेमेंट करने पर जुर्माना लगाते है। ऐसा इसलिए करते है क्योंकि बैंक द्वारा दिए गए लोन पर हर महीने बैंक को ब्याज के रूप में आय प्राप्त होती है। अतः प्री पेमेंट की स्थिति में बैंक को ब्याज के रूप में पैसा ऐसा बंद हो जाता है।

6. बैंक का इतिहास जरूर देखें

किसी भी बैंक या फिर एनबीएफसी से पर्सनल लोन लेने से पहले एक बार उस बैंक की हिस्ट्री यानी की ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में जरूर रिसर्च करें। जैसे कि कितने समय से यह बैंक बाजार में अपनी सेवाएं दे रहा है, ग्राहक संतुष्टि कैसी है, बैंक की वित्तीय स्थिति कैसी है आदि।

Yogesh Yadav के बारे में
Yogesh Yadav मेरा नाम योगेश यादव है और पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा अनुभव 3 सालों से अधिक का है। खास तौर पर फाइनेंस विषय के बारे में लिखने में मेरी रुचि अधिक है। म्यूचुअल फंड, बिजनेस आइडिया, बैंकिंग और पोस्ट स्कीम के बारे में लिखना मुझे पसंद है। अतः TimesBull.com के द्वारा अब मैं अपनी सेवाएं दे रहा हूं। Read More
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