नई दिल्ली EPFO UPDATE: अगर आप किसी संगठित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं तो आपकी सैलरी और डीए का 12 फीसदी रकम कटकर पीएफ खाते में जमा होता है। इतनी ही रकम एम्प्लॉयर की तरफ से भी डाली जाती है। इस पर सरकार की तरफ से अच्छा खासा ब्याज दिया जाता है। यदि आप ज्यादा ब्याज दरों को लाभ उठाने के लिए पीएफ में निवेश को बढ़ाने की सो रहे है तो आपसीधे तौर पर ऐसा नहीं कर सकते हैं।
लेकिन वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड यानि कि वीपीएफ के द्वारा आप ईपीएफ में भी अपने योगदान को एक्सटेंड कर सकते हैं। और अपने निवेश पर उसी ब्याज का लाभ भी उठा सकते हैं। जो कि आपको ईपीएफ पर मिलता है। इस सम वीपीएस पर 8.15 फीसदी के हिसाब से ब्याज दिया जा रहा है। इससे जुड़ी सारी जानाकरी के बारे में जान सकते हैं।
वीपीएफ में कितना पैसा कर सकते हैं जमा
कोई भी ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को वीपीएफ में योगदान करने की सुविधा का लाभ उठा सकता है और पीएफ में अपने योगदान को बढा भी सकता है। वीपीए में सैलरी के कटाने की कोई भी लिमिट नहीं तय होती है। कर्मचारी तो बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक योगदान कर सकते हैं।
वीपीएफ में निवेश का तरीका भी बिल्कुल वैसा ही होता है। जैसे कि ईपीएफ में पैसा जमा करने का होता है। यानि कि यदि आप वीपीएफ में पैसा निवेश करना शुरु कर देते हैं तो इसका पैसा भी हर महीने उसी प्रकार अपने आप सैलरी से कटता रहेगा, जैसे कि ईपीएफ का कटता है।
निवेश को कैसे शुरु करें
अगर आप भी वीपीएउफ में निवेश करने की रुचि रखते हैं तो आपको कंपनी के एचआर से मिलकर उसे ये बताना होगा कि आप वीपीएफ में अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं एचआर की सहायात से आप अपने वीपीएफ खाता भी ईपीएफ के साथ में ओपन कर सकते हैं।
आपको अपनी सैलरी का कितना योगदान करना होगा। इसके बार में एचआर को बताना होगा। इसके बाद ईपीएफ खाते के साथ में आपको वीपीएफ खाते के प्रोसेस को पूरा किया जाएगा। इस प्रोसेस को पूरा करने के बाद आप वीपीएफ में अपनी सैलरी से पैसा कटवाना चालू कर सकते हैं। एक बार वीपीएफ का ऑप्शन चुनने के बाद कम से कम 5 सालों तक उसमें पैसा जमा करना जरुरी है।
पैसा निकालने का क्या हैं नियम
वीपीएफ की रकम पर मिलने वाला ब्याज और लाभ सबकुछ ईपीएफ की तरह ही है। वैसे ही पैसों की निकासी के नियम भी ईपीएफ जैसे ही हैं। वीपीएफ फंड की पूरी रकम निकासी आप रिटायरमेंट के बाद ही कर सकते हैं। 5 सालों के बाद जब इसका लॉक इन पीरियड खत्म होता है। तब आप इससे आंशिक पैसा निकाल सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन क्लेम किया जा सकता है।
टैक्स छूट और खाता ट्रांसफर
अगर आप अपनी नौकरी को बदलते हैं पीएफ खाते को भी ईपीएफ की तरह से ट्रांसफर किया जा सकता है। वीपीएफ में निवेश करने पर इसके ब्याज और निकासी की रकम पर टैक्स नहीं देना होता है। इसलिए इसे ईईई कैटेगरी में निवेश माना जाता है। इसमें इनकम टैक्स अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है। इस फंड में आप एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।