नई दिल्ली Cheque Bounce Charges: आज के समय हर किसी के पास बैंक खाता होता है। लोग कई तरीकों को अपनाकर अपने खाते से पैसे निकालते हैं। इसमें चेक पैसे निकालने का सबसे सुरक्षित माध्यम हैं। आप काफी बार चेक लेकर बैंक गए होंगे और बैंक खाते में पैसे डलवाएं होंगे। स्कूल कॉलेज हो या फिर प्रॉपर्टी का लेनदेन चेक को प्राथमिकता दे जाता है।
लेकिन हम यहां पर बात कर रहे हैं चेक बांउंस होने की, अगर आपकी चेक बाउंस हो जाती है तो आपको क्या करना चाहिए। आपको बता दें चेक बाउं होने को अपराध माना जाता है। यदि चेक बाउंस होती है तो इसके लिए सजा का प्रावधान दिया गया है। इसमें सिर्फ सजा ही नहीं आपको जुर्माना भी देना होगा।
आपको बता दें चेक बाउंस होने पर दोषी वह शख्स होता है जिसके द्वारा चेक दिया गया है। इसका अर्थ है कि आपको चेक किसी और ने दिया है। और वह बाउंस हो गया है तो दोषी वह शख्स होगा।
अगर चेक बाउंस होती है तो उस शख्स को लीगल नोटिस दिया जाएगा। जिसका जवाब 15 दिनों के भीतर ही देना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उसके खिलाफ नेगोशिएबल इंस्टूमेंट एक्ट 1881 के तहत मामले को दर्ज किया जाएगा।
चेक बाउंंस होने का केस भी इस एक्ट की धारा 148 के तहत दर्ज किया जा सकता है। ये एक दंडनीय अपराध होता है। इसमें दोषी शख्स को 2 साल की जेल भी हो सकती है।
यहीं नहीं चेक के बाउस होने पर 800 रुपये की पेनाल्टी भी लग सकती है। पेनाल्टी से अलग चेक बाउंस होने पर जुर्माना भी ऐड किया जाता है। ये चेक पर लिखी राशि का दोगुना भी हो सकता है। बहराल ये सिर्फ बैंक के जरिए चेक को डिसऑनर करने के के में होता है। चेक बाउंस होने पर ग्राहकों के भी कुछ राइट्स होते हैं।
वहीं अगर चेक के बाउंस होने में सजा 7 सालों से कम है तो शख्स जमानती अपराध है। इसके अखिरी फैसले तक जेल नहीं हो सकती है। यदि इस मामले में किस को सजा मिलती है तो वह ट्रायल कोर्ट के सामने दंड संहिता 389(3) के तहत अप्लीकेशन कर सकता है।