नई दिल्ली EPFO News: अगर आप ईपीएओ खाताधारक हैं तो ये खबर खास आपके लिए है। आपको बता दें EPFO बिना किसी प्रीमियम को चुकाए 7 लाख रुपये तक का बीमा पाने की सुविधा देता है। EPFO के सभी सब्सक्राइबर्स इस सुविधा का लाभ उठाने के पात्र हैं। इस बीमा की सुविधा का लाभ पाने के लिए आपको कुछ करने की आवश्यकता नहीं है अगर ईपीएओ सब्सक्राइबर्स की किसी कारण से मौत हो जाती है तो उसका नॉमिनी बीमा की रकम के लिए दावा कर सकता है। चलिए इस सुविधा से जुड़ें नियमों के बारे में जानते हैं।
आपको बता दें EPFO सब्सक्राइबर्स की मौत होने के बाद बीमा की रकम का भुगतान किया जाता है। इस बीमा रकम का दावा नॉमिनी कर सकता है। इस स्कीम के तहत बीमा की रकम मिनिमम 2.5 लाख और अधिकतम 7 लाख रुपये है। ये रकम सीधे नॉमिनी के बैंक खाते में जमा की जाती है।
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कैसे तय की जाती है बीमा की रकम
आपको बता दें ईपीएफओ सम एश्योर्ड का कैलकुलेशन दिवंगत कर्मचारी के पिछले 12 महीने के वेतन के आधार पर करता है। इस बीमा की रकम मूल सैलकी का 35 गुना है। इसकी मैक्जिमम लिमिट 7 लाख रुपये है। पहले बीमा की राशि मैक्जिमम 6 लाख रुपये थी। लेकिन सरकार ने इसमें 1 लाख रुपये और बढ़ा दिए हैं।
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ईपीएफओ के पेंशन को लेकर नियम
केंद्र सरकार ने बढ़ी हुई पेंशन को लेकर नए नियम की घोषणा की है। सरकार कर्मचारी पेंशन स्कीम में 15 हजार रुपये तक बेसिक सैलरी का 1.6 फीसदी सब्सिडी के द्वारा देती है। कंपनी ईपीएफओ की समाजिक सेफ्टी में मूल सैलरी का 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन करती है। कंपनी का 8.33 फीसदी कंट्रीब्यूशन EPS में और बाकी का 3.67 फीसदी EPFO में जमा होता है। EPFO सदस्य जो बढ़ी हुई पेंशन चाहते हैं, वह इस ऑप्शन को चुन सकते हैं। कर्मचारियों की मूल सैलरी कोई राशि नहीं काटी जागी।