नई दिल्ली EPFO Pension: ईपीएफओ अपने पेंशन फॉर्मूले में काफी बड़ा बदलाव करने के लिए विचार कर रहा है। इस तरह से पूरी पेंशन सेवा के समय औसत पेंशन योग्य सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन तय करने के प्रस्ताव रखा गया है। जबकि इस बारे में ईपीएस पेमेंट की रकम और जोखिम के बारे में पूरी जानकारी की असल रिपोर्ट पाने के बाद लिया जाएगा।
बता दें ईपीएस-95 मासिक पेंशन के तहत पेंशन की पेशकश कर रहा है। जिसमें आप सभी को बता दें कि मासिक पेंशन योग्य सैलरी को पेंशन योग्य सेवा/70 का गुणा करने के फॉर्मूले का इंतजार खत्म होवे जा रहा है। वहीं यदि ईपीएफ अपने पेंशन के फॉर्मूल में बदलाव करता है तो इसके बाद से मौजूद फॉर्मूले से मासिक पेंशन का निर्धारण कम हो जाएगा। जिसमें हायर पेंशन का चयन करने का ऑप्शन भी शामिल हो जाएगा।
वहीं उदाहरण के तौर पर भानु प्रताप शर्मा की कार्यालय में अगर 15 हजार रुपये की पेंशन खत्म कर दी जाए तो उनके खाते में 7500 रुपये से ज्यादा पेंशन मिल सकती है। लेकिन इसके लिए सभी कर्मचारी पेंशन स्कीम में शामिल हैं। इसके बाद से इंप्लॉयर के कंट्रीब्यूशन का बढ़ना भी जरुरी हो जाता है।
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जून से हट जाएगी ईपीएओ पेंशन की सीमा
अगर सभी कर्मचारियों की सैलरी 15 हजार रुपये है और इसकी लिमिट को खत्म कर दिया जाए तो कर्मचारियों को मूल वेतन 20 हजार रुपये दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक उसे समान पेंशन मिलेंगी यानि कि 8,571 रुपये पेंशन के रूप में प्राप्त होंगे।
जुलाई में पेंशन को लेकर नियम व शर्तें
वहीं कर्मचारी पेंशन स्कीम का लोगों को सदस्य होना बेहद ही जरुरी है।
कम से कम 10 नियमित सालों तक नियोजित होना भी जरुरी है।
ईपीएफओ के नियम के मुताबिक 58 साल की आयु में पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
इसमें मिलने वाली पहली पेंशन काफी कम होती है।
इन सभी चीजों के लिए आपको फॉर्म 10D भरना होगा।
कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को पेंशन मिलती है।
वहीं यदि ये सेवा 10 साल के कम है तो उनको 58 साल की आयु में पेंशन मिलेंगी।
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हायर पेंशन के अपडेट करने पर मिलता है इतना कंट्रीब्यूशन
ईपीएस में 15000 सैलरी वालों को 1.16 फीसदी कंट्रीब्यूशन मिलता है। वहीं ईपीएफओ की समाजिक सुरक्षा के लिए सभी कर्मचारी इस स्कीम में 12 फीसदी तक कंट्रीब्यूशन करते हैं। EPS में 8.33 फीसदी योगदान होता है। बाकी का 3.67 फीसदी EPF में होता है।