500 Note Update:500 रुपए का ये नोट असली है या नकली, RBI ने किया साफ!

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Sanjay

सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बाजार में 500 रुपये के नकली नोटों का इस्तेमाल और लेनदेन बढ़ रहा है. वायरल मैसेज में सावधान रहने की सलाह दी गई है.

दावे के मुताबिक, चूंकि नोट पर हस्ताक्षर हैं इसलिए इसे नकली बताया जा रहा है. भारतीय नोट के निचले दाएं कोने पर एक यूनिक नंबर लिखा होता है। वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अगर आपके 500 रुपये के नोट के यूनिक नंबर पर का निशान है तो यह नकली नोट है.

आपके पास भी है ये 500 स्टार वाला नोट –

 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है, “स्टार मार्क वाले 500 रुपये के नोट बाजार में चलन शुरू हो गए हैं। ऐसे नोट इंडसइंड बैंक से वापस आ गए हैं। ये नकली नोट हैं।”

आज भी एक ग्राहक ने ऐसे 2-3 नोट दिए, लेकिन मैंने उन्हें तुरंत लौटा दिया. ग्राहक ने बताया कि ये नोट उसे सुबह किसी ने दिए थे. ध्यान से।

बाजार में नकली नोट लेकर घूमने वालों की संख्या बढ़ गई है. हालाँकि, अगर आपको भी यह मैसेज मिला है या आपके पास भी स्टार वाला 500 रुपये का नोट है, तो घबराएं नहीं।

अगर 500 रुपये के नोट पर बना हो ये निशान, तो क्या माना जाएगा नोट ख़त्म?

दरअसल, पीआईबी फैक्ट चेक ने इसे झूठ करार दिया है और इन दावों को खारिज कर दिया है कि 500 रुपये का स्टार नोट नकली है। पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने एक्स अकाउंट पर वायरल मैसेज का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है।

क्या आपके पास स्टार चिह्न वाला ₹500 का नोट है? क्या आप चिंतित हैं कि यह नकली है? अब चिंता न करे यह संदेश कि ऐसे नोट नकली हैं, गलत है! स्टार चिह्न वाले ₹500 के बैंकनोट हैं दिसंबर 2016 से प्रचलन में है।

जानें क्या कहता है RBI?

आरबीआई ने कहा है कि कुछ बैंक नोटों के नंबरों में अंतर करने के लिए ‘*’ का इस्तेमाल किया जाएगा. ₹10, ₹20, ₹50 और ₹100 मूल्यवर्ग के ‘स्टार’ बैंकनोट पहले से ही प्रचलन में हैं।

वहीं, 8 नवंबर 2016 से 500 रुपये सीरीज के नोटों को भी लीगल टेंडर माना गया है. ₹500 के मूल्य वाले बैंक नोट पहली बार वर्ष 2016 में जारी किए गए थे।

वहीं, 8 नवंबर 2016 से सीरीज के 500 रुपये के नोट भी लीगल टेंडर माने गए हैं. वाले ₹500 मूल्य वर्ग के बैंक नोट पहली बार 2016 में जारी किए गए थे।

स्टार मार्क का उपयोग क्यों किया जाता है: आरबीआई के अनुसार, स्टार मार्क का उपयोग किसी ऐसे नोट को बदलने के लिए किया जाता है जो गलत छप गया हो या किसी गलती के कारण बेकार हो गया हो। सीरियल नंबर वाले नोटों के बंडल में गलत तरीके से छपे नोटों को बदलने के लिए स्टार मार्क वाले नोट जारी किए जाते हैं।

2006 से हो रहा है इसका इस्तेमाल: आरबीआई के मुताबिक स्टार मार्क वाले नोटों का चलन साल 2006 से शुरू हुआ था. इसका मकसद नोटों की छपाई को आसान बनाना और लागत को कम करना था.

इससे पहले रिजर्व बैंक गलत छपे नोटों को उसी नंबर के सही नोटों से बदल देता था। हालाँकि, नए नोट छपने तक पूरे बैच को अलग रखा गया, जिससे लागत और समय दोनों बढ़ गए। इसी वजह से स्टार मार्किंग का तरीका लागू किया गया, ताकि खराब नोटों को तुरंत बदला जा सके.

Sanjay के बारे में
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Sanjay मेरा नाम संजय महरौलिया है, मैं रेवाड़ी हरियाणा से हूं, मुझे सोशल मीडिया वेबसाइट पर काम करते हुए 3 साल हो गए हैं, अब मैं Timesbull.com के साथ काम कर रहा हूं, मेरा काम ट्रेंडिंग न्यूज लोगों तक पहुंचाना है। Read More
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