Semiconductor in India: हम सभी को पता है कि जितने भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, उन सभी में सेमीकंडक्टर का प्रयोग होता है। खासकर कारों में बढ़ते फीचर्स को देखते हुए इसमें भी सेमीकंडक्टर का प्रयोग काफी ज्यादा होने लगा है। कोविड के समय आई गिरावट के कारण अभी तक ऑटोमोबाइल सेक्टर इससे उभर नहीं पाई है।
इसके अलावा कई डिवाइस जैसे कि स्मार्टफोन और लैपटॉप तक की कीमत बढ़ चुकी है। इसी से निपटने के लिए भारत खुद सेमीकंडक्टर बनाना चाहता है। देश का प्लान है कि वह आने वाले समय में एक ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब बने।
इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 1.26 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस निवेश के तहत गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर फैक्ट्री लगेगी।
अगले 3 महीने में लगाएंगे 3 Semiconductor Factory
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बयान देते हुए कहा है कि इन तीनों यूनिट को बनाने का काम अगले 100 दिनों में शुरू हो जाएगा। इसमें से दो फैक्ट्री गुजरात और एक फैक्ट्री असम में लगाई जाएगी।
अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि ताइवान की पावर चिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी कर गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैक्ट्री बनाएगी।
इसके अलावा टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड 27000 करोड़ रुपए के निवेश पर असम के मोरीगांव में भी सेमीकंडक्टर फैक्ट्री लगाने वाली है।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि सीजी पावर जापान की रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रिक के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर फैक्ट्री लगाएगी। इस सेमीकंडक्टर फैक्ट्री के लिए 7600 करोड रुपए का निवेश किया जाना है।
Semiconductor के कारण सस्ती होंगी कारें!
भारत में जब से भी सेमीकंडक्टर बनने लगेगी तो इसके इंपोर्ट में काफी कमी आ सकती है। इसके कारण कार मैन्युफैक्चरर्स सस्ते में ही अपनी कारों को बनाएंगे और ग्राहकों को भी कार सस्ते में मिलेगी। इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर का ग्रोथ भी इस पर निर्भर करता है। सभी कंपनियां अच्छे-अच्छे फीचर्स बहुत ही कम कीमत पर दे पाएंगी जिसके कारण कारों की संख्या बढ़ सकती है।