Royal Enfield Bikes: रॉयल इनफील्ड बुलेट को चलाने का शौक देश का हर युवा रखता है। लेकिन कई ऐसे लोग भी होते हैं जो इन बाइक्स में को मॉडिफाई कर इसमें ज्यादा आवाज वाली साइलेंसर को लगाते हैं। ऐसा करने से लोगों को काफी ज्यादा परेशानी होती है। वही वातावरण में भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण कई लोग आज के समय अपने सुनने की क्षमता खो चुके हैं। इसी को देखते हुए अब ऐसे राइडरों के प्रति कार्रवाई तेज हो गई है।
अगर आपको भी बुलेट का साइलेंसर मॉडिफाई करवा कर तेज आवाज वाली साइलेंसर लगवाने का शौक है तो आप सावधान हो जाएं। अगर अब आप ऐसा करते हैं तो आप को जेल हो सकती है। कई राज्यों में इस पर कार्रवाई तेज हो गई है। हाल ही में पंजाब पुलिस ने भी एक चौंकाने वाला फैसला लिया है।
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Royal Enfield मॉडिफाई करने की सजा
हाल ही में पंजाब पुलिस ने ऐसे राइडर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो पटाखे मरने वाली साइलेंसर लगवाने है। उन पर काफी तेजी से कार्रवाई करने की बात कही गई है। आप पर धारा 188 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस धारा के अंतर्गत आपको 6 महीने की सजा और हजार रुपए तक जुर्माना भरना पड़ता है। इस कार्रवाई के बाद भी अगर आप नहीं सुधारते हैं तो आप पर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का मामला दर्ज होगा और इसके बाद कोर्ट फैसला करेगी कि आपको क्या सजा देनी चाहिए।
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पंजाब पुलिस के एडिशनल डीजीपी ट्रैफिक ने एक पत्र पंजाब के पुलिस कमिश्नर और सभी जिलों के एसएसपी को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है। इस पत्र में ट्रैफिक नियमों को पालन करवाने के लिए ट्रैफिक अधिकारी और ट्रैफिक इंचार्ज को खड़ा आदेश दिया गया है। भारत में पहले ही पर्यावरण संरक्षण नियम लागू है इसे 1986 में बनाया गया था। इसके तहत बाइक और स्कूटर के लिए अधिकतम साउंड सीमा 80 डेसीबल का है।
फैक्ट्री से निकलने वाली सभी बाइक और स्कूटर यह साइलेंसर में 3 लेयर फिल्टर लगा होता है। जिसके कारण इनकी आवाज बहुत ही कम होती है। वहीं बाजार में मिलने वाले मॉडिफाई साइलेंसर में ऐसा कुछ नहीं होता यही कारण है कि उनकी आवाज से 120 डेसीबल तक पहुंच जाती है। इससे पहले ऐसे राइडर्स पर हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता था। लेकिन इसके बावजूद भी उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा यही कारण है कि अब इस तरह का सत्य नियम लागू किया गया है।