Petrol Pump Tips: देश में बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमत से लोग काफी परेशान रहते हैं। वहीं कई बार लोगों के साथ फ्यूल फीलिंग स्टेशंस पर ठगी भी हो जाती है। जिससे उनके फ्यूल भरवाने का खर्च काफी बढ़ जाता है। अगर आपको भी लगता है कि फ्यूल भरवाते समय आपके साथ ठगी हो जाती है। तो आप कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे बच सकते हैं। अपनी इस रिपोर्ट में आज हम आपको कुछ टिप्स देंगे। जिससे आपको फ्यूल फीलिंग स्टेशंस पर होने वाली ठगी से बचने में मदद मिलेगी।
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भरा जा सकता है कम फ्यूल
फ्यूल भरवाते समय ग्राहक को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर ग्राहक सतर्क नहीं रहते हैं तो उनकी गाड़ी में कम फ्यूल डाला जाता है और उनके साथ ठगी हो जाती है। यह बहुत आम तरीका है। इसमें ग्राहक की तरफ से एक निश्चित राशि का फ्यूल अपने वाहन में भरवाया जाता है। लेकिन सतर्क नहीं रहने पर फ्यूल स्टेशन का कर्मचारी मीटर को रीसेट नहीं करता है और गाड़ी में कम फ्यूल डाल देता है।
फीलिंग मशीन में लगे चिप में गड़बड़ी
कई बार देखा गया है कि फ्यूल पंप मालिक और कर्मी मशीन में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा देते हैं। इसके लगने से मशीन के मीटर पर पूरी तेल की मात्रा तो दिखती है। लेकिन ग्राहक के वाहन में कम फ्यूल डलता है। यह घटना 2020 में तेलंगाना के एक फ्यूल स्टेशन पर सामने आई थी। इस दौरान देखा गया था कि मीटर पर 1000 मिलीलीटर पेट्रोल/डीजल दिख रहा था। लेकिन ग्राहकों की गाड़ी में सिर्फ 970 मिलीलीटर फ्यूल ही डाला जा रहा था। अगर आपको भी ऐसा शक हो तो आप इसके लिए पांच लीटर टेस्ट करा सकते हैं।
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बिना बताए सिंथेटिक तेल का भरना
कई बार फ्यूल फिलिंग स्टेशन पर बिना ग्राहकों को बताए उनकी गाड़ी में सिंथेटिक तेल डाल दिया जाता है। यह फ्यूल फिलिंग स्टेशन के कर्मचारी रेगुलर फ्यूल की जगह पर करते हैं। आपको बता दें कि रेगुलर फ्यूल की तुलना में सिंथेटिक तेल की कीमत 5 से 10 प्रतिशत तक ज्यादा होती है। ऐसे में ग्राहकों को फ्यूल भरवाने के लिए ज्यादा कीमत देनी होती है।