Car Loan Details: भारत आज के समय कारों का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है। यहां हर महीने लाखों कारें बिकती है और जो भी लोग कार खरीदते हैं उसमें से अधिकांश को लोन की जरूरत पड़ती है और वह लोन पर ही कार खरीदते हैं।
लोन भी हर किसी को नहीं मिलती है। जिन भी लोगों की आए ज्यादा होती है और बैंक को लगता है कि यह समय पर सारी किस्त चूका देगा वह उन्हे ही लोन देती है। अगर आप अपनी लिमिट से अधिक कर लोन लेते हैं तो आपको ईएमआई चुकाने में परेशानी आएगी। लेकिन अब इससे भी बचने का उपाय आ चुका है अगर आप जानना चाहते हैं कि कर लोन कैसे लिया जाता है तो इस खबर को जरूर पढ़ें। यहां आपको EMI चुकाने का आसान तरीका भी बताया जाएगा।
अपनाएं 20-10-4 का फॉर्मूला!
20-10-4 एक फार्मूला है जिसके द्वारा पता लगा सकते हैं कि आपका आपको कितना लोन लेना चाहिए। यह फार्मूला व्यक्ति के आर्थिक स्थिति के आधार पर बनाया गया है और यह कई लोगों की मदद कर चुका है। इससे आपको पता चलेगा कि आपको कितनी डाउन पेमेंट करनी है और आप कितने समय में EMI के जरिए लोन चुका सकते हैं।
अब इस फार्मूला को समझे तो इसमें 20 कार के डाउन पेमेंट को दर्शाता है। आपको पता नहीं है तो आपको बता दो कि कार खरीदते समय आपको 20% का डाउन पेमेंट देना होता है। हालांकि अगर आपकी आर्थिक स्थिति बहुत ही अच्छी है तो आप डाउन पेमेंट को 20% से ज्यादा भी कर सकते हैं, जितनी ज्यादा डाउन पेमेंट होगी इंटरेस्ट उतना ही कम लगेगा।
इसके अलावा इस फार्मूला में 10% का मतलब ईएमआई से है। यानी की आपके कार की ईएमआई आपके आय के 10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। जैसे कि अगर आप महीने की ₹100000 कमाते हैं तो आपकी ईएमआई ₹10000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर आपकी ईएमआई इससे ज्यादा होगी तो आपको चुकाने में दिक्कत आ सकती है।
इसके बाद अंत में आता है 4 जिसका मतलब अवधि से है। यानी कि आप कार लोन 4 सालों से अधिक का नहीं होना चाहिए। आप जितना ज्यादा समय बढ़ाएंगे लोन का इंटरेस्ट उतना ही बढ़ता रहेगा। अगर आप इस फार्मूला को अपनाते हैं तो आप अपनी आय के हिसाब से कर खरीद सकते हैं।