Sawan vrat 2023: सावन मास को हिंदू पंचांग में बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि भगवान शिव इस मास में अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए शिव भक्त आमतौर पर सावन के माह का बेसब्री से इंतजार करते हैं और इस मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। श्रावण मास के हर सोमवार को शिवरात्रि भी कहा जाता है और इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने से मान्यता है कि सभी कष्ट और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख और खुशियाँ आती हैं।
2023 में कब है सावन का व्रत :
सावन माह 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। इस बार सावन में अधिकमास होने के कारण, 8 सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat) और 9 मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) होंगे, जो भक्तों को महादेव और माता पार्वती की अधिक कृपा प्राप्त करने का अवसर देंगे। इस सावन मास में अधिकमास 18 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 16 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। इस साल सावन में एक खास संयोग बन रहा है, जिसमें पूरे मास में शिव और माता पार्वती की असीम कृपा होने की मान्यता है। यह संयोग भगवान शिव के आशीर्वाद से भक्तों को अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है।
इस बार सावन के सोमवार इस प्रकार है :
सावन का प्रथम सोमवार 10 जुलाई को है, सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई को हा वही अगर हम बात करें अधिमास की तोह सावन अधिकमास का प्रथम सोमवार 24 जुलाई दूसरा सोमवार 31 जुलाई, सावन अधिकमास का तीसरा सोमवार 7 अगस्त , सावन अधिकमास का चौथा सोमवार 14 अगस्त, सावन का तीसरा सोमवार 21 अगस्त तथा सावन का चौथा सोमवार 28 अगस्त को है.
सावन व्रत का महत्व :
सावन मास विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा, व्रत और आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में भक्तगण भगवान शिव के लिए जल, बेलपत्र, धतूरा, शमी की पत्ती आदि को चढ़ाते हैं, जो शुभ माना जाता है।
सावन मास के दौरान कांवड़ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें शिव भक्तगण गंगा जल को संग्रह करके शिव मंदिरों में यात्रा करते हैं। इसके साथ ही, कुंवारी कन्याएं सोलह सोमवार का व्रत आरंभ करती हैं, जो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए कार्यसिद्ध करने में मदद करता है।
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