Chanakya Niti: भारतीय इतिहास में आचार्य चाणक्य को एक अच्छा विचारक, राजनीतिज्ञ और शिक्षाशास्त्री माना जाता है। उन्हें ‘कौटिल्य’ और ‘विष्णुगुप्त’ भी कहा जाता है।
आपको बता दें कि चाणक्य ने समाज को शिक्षित करने में अहम योगदान दिया है। उन्होंने भारतीय इतिहास में मौर्य साम्राज्य के संस्थापक और मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य किया।
दरअसल, चाणक्य ने मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य स्थापित करने में मदद की थी। उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें ‘अर्थशास्त्र’ और ‘चाणक्य नीति’ भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण अंग हैं। जिसमें मनुष्य को धर्म का मार्ग अपनाने का मार्गदर्शन दिया गया है।
एक नेता को समाज के हित में कार्य करना चाहिए-चाणक्य नीति
चाणक्य के अनुसार एक नेता को समाज के हित में काम करना चाहिए. साथ ही उन्हें धर्म, नीति और सत्य का पालन करना चाहिए। आचार्य चाणक्य की नजर में एक योग्य नेता को न्याय, सतर्कता और योग्यता से काम करना चाहिए। उनकी शिक्षाएं और नीतियां आज भी लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताई गई कई बातें बताएंगे। आइए विस्तार से जानते हैं…
चाणक्य नीति पढ़ें
आचार्य चाणक्य के अनुसार दुनिया में केवल दो ही सच्चे ज्योतिषी माने जाते हैं जो आपको समझते हैं और हर परिस्थिति में आपका साथ देते हैं। दरअसल, चाणक्य नीति के अनुसार माता और पिता दोनों ही आपके लिए ज्योतिषी और सच्चे मित्र होते हैं। माँ मन को समझती है और पिता भविष्य को समझकर आपके जीवन को बेहतर बनाते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार असफलता मिलने पर कभी निराश नहीं होना चाहिए. दरअसल, यह एक साधन और अवसर है, जो आपको एक बार फिर अपनी बुद्धिमत्ता साबित करने का मौका देता है। इसलिए असफलता से डरे बिना लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ते रहें।
चाणक्य नीति के अनुसार क्षमा करना और शांत रहना इंसान का सबसे बड़ा आभूषण माना जाता है. दरअसल, यह एक ऐसी ताकत है जो पहाड़ों में भी आपके लिए रिश्ते बनाती है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को हमेशा माफ करना और शांत रहना सीखना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की तीन चीजें उसके चरित्र को नष्ट कर देती हैं। अगर यह बात आपके अंदर भी है तो आपका जीवन भी अंधकार में रहेगा। दरअसल व्यक्ति को चोरी, चुगली और झूठ से हमेशा दूर रहना चाहिए। ये तीनों ऐसी चीजें हैं जो आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई आपकी गलती साबित हो तो इससे खुश होना चाहिए। क्योंकि कोई है जो आपकी भलाई के बारे में सोच रहा है। इसलिए वह अपना दिमाग और समय दोनों आपके प्रति लगा रहा है। इसे नकारात्मक रूप से न लें, सकारात्मक रूप से लें।
चाणक्य नीति में बताया गया है कि व्यक्ति को बातों को सुनना और सहन करना सीखना होगा. वैसे तो हर इंसान स्वभाव से राजा होता है, लेकिन बुरे वक्त में उसे वो सब कुछ सुनने को मिलता है, जो उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होता।
चाणक्य नीति के अनुसार अगर कोई आपसे नाराज हो जाता है और उसे घमंड है कि आप उसे मना लेंगे तो कोशिश करें कि उसका घमंड कभी न टूटने दें. क्योंकि यह आपके प्रति उसके प्यार और विश्वास का ही नतीजा है कि वह आपको अपना मानकर अपनी नाराजगी जाहिर करता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी रिश्ते में न केवल समय महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इसमें आपसी समझ की भी बहुत जरूरत होती है।