नमक (Namak ke Totke) आमतौर पर खाना पकाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यही नहीं इस मसाले के बिना खाने में टेस्ट नहीं आता है, यह भी माना जाता है कि इसमें कुछ गुण हैं जो इसे वास्तु शास्त्र में उपयोगी बनाते हैं, वास्तु के अनुसार, घर या कार्यालय में नमक के कुछ उपाय ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करने और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में मदद करते है।
वास्तु शास्त्र में नमक (Namak ke Totke) का उपयोग कुछ तरीकों से किया जाता है:
काँच के गिलास में रखें नमक: माना जाता है कि घर के विभिन्न हिस्सों में काँच के एक गिलास में सेंधा नमक या समुद्री नमक रखने से नकारात्मक ऊर्जा अवशोषित होती है और आसपास की हवा शुद्ध होती है। उस कांच के गिलास को उन जगहों पर रखना चाहिए जहां नकारात्मक ऊर्जा जमा होती है, जैसे कि मुख्य द्वार के पास या कमरे के कोनों में आदि.
पानी में रखे नमक : पानी में नमक मिलाकर घर के अलग-अलग हिस्सों में छिड़कने से घर की ऊर्जा शुद्ध होती है। यह नमक उस स्थान पर रखें जहाँ नये घर का निर्माण हुआ हो.
कटोरी में रखे नमक: माना जाता है कि एक कमरे में नमक का कटोरा रखने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। कटोरे को नियमित रूप से बदलना चाहिए, और नमक को फेंक देना चाहिए और ताजा नमक के साथ बदल देना चाहिए।
घर की सफाई में करें नमक का उपयोग: सेंधा नमक का उपयोग करके घर की सफाई करना वास्तु शास्त्र में एक पारंपरिक तरीका है जो अंतरिक्ष से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है। मान्यता है की नमक का पानी अंतरिक्ष तथा हमारे आस-पास की ऊर्जा को शुद्ध करता है और आस पास सकारात्मकता लाता है. अगर आपके घर में आये-दिन क्लेश होते है तो रोज़ाना सुबह नमक का पौंछा लगाने से घर में सुख शांति बनी रहती है.
अगर बात करें नमक की तो इसे सबसे अधिक उपयोग में लाया जाने वाला वास्तु तत्व माना जाता है, इसके उपायों को लाल किताब में भी बहुत अधिक प्रभावी बताया जाता है.इससे घर की शांति व गृह शांति के कई उपाय भी किये जाते है.
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