Numerology : अंकशास्त्र एवं उसके प्रकार, कैसे मानव जीवन से जुड़े हैं और क्या होता है फायदा

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Santy

भारत ऋषि मुनियों के देश के रूप में जाना जाता है और ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि भारत में अन्य किसी भी देशों की अपेक्षा गुप्त विज्ञान या ज्योतिष शास्त्र का प्रचलन ज्यादा है। कुछ हद तक यह सही भी होगा, लेकिन मानव प्रकृति (human nature) की बात करें तो, हर व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व, अपने आने वाले कल, अपने जीवनसाथी, अपनी नौकरी या व्यपार के बारे में जानने की इच्छा होती ही है। यह प्रकृति सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु विश्व के हर जगह मनुष्यों में पाया जाता रहा है और आगे भी रहेगा। यही कारण है कि सरल एवं आसान तरीके से कुछ प्रयासों के बाद अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए अंकों को समझने और उसका अध्ययन करने की इच्छा लोगों में बढ़ती जा रही है और अंकशास्त्र (numerology) आज प्रचलन में काफी है।
अंकशास्त्र इस विचार पर आधारित है कि संख्याओं का एक रहस्यमय और आध्यात्मिक अर्थ होता है और यह हमारे व्यक्तित्व, व्यवहार पैटर्न और जीवन पथ में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। अंक ज्योतिष का उपयोग प्राचीन मिस्र, चीन और भारत सहित दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों में हजारों वर्षों से किया जाता रहा है।

अंक शास्त्र के प्रकार

अंकशास्त्र में भी कई तरह के अंक शास्त्र मौजूद हैं, जिसके द्वारा अलग अलग श्रेणियों में गणना की जाती हैं। अंकशास्त्र के मुख्य प्रकार देखें तो, ये कुल 5 हैं।

1) चेलडियन न्यूमरोलॉजी (cheldean numerology)
2) हिब्रू कबला (Hebrew Kabbalah)
3) पाइथागोरस न्यूमरोलॉजी (pythagorean numerology )
4) वैदिक अंकज्योतिष (vadic numerologoy)
5) चाइनीज न्यूमरोलॉजी (Chinese numerology)

इन सभी के जरिये व्यक्ति के किसी न किसी श्रेणी की गणना की जाती है। उदाहरण के रूप में देखें तो, चेलडियन न्यूमरोलॉजी के जरिये हम किसी व्यक्ति के नाम की गणना कर सकते हैं और यह बता सकते हैं कि उनका नाम उनकी जन्मतिथि के अनुसार उनके शुभ अंक में हैं या अशुभ अंक में। यदि अशुभ अंक में है तो, उसमें थोड़े बदलाव कर उसके शुभ अंक पर किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सफलता के मार्ग चलने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार यह देखने को मिलता है कि हमारे पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री ने अपने नाम में कोई अक्षर कम या ज्यादा कर रखा है। यह इसलिए किया जाता है कि उनका नाम उनके जन्मतिथि के अनुसार शुभ अंक में नहीं होता है और यह बदलाव कर वे उन्हें शुभ अंक में बदलवाते हैं। इसी तरह लोग अपने व्यापार का नाम, उनका लोगो, पार्टनरशिप कंपेटिबिलिटी, मोबाइल नंबर, गाड़ी नंबर, घर नंबर इत्यादि भी अपने शुभ अंकों के अनुसार रख सकते हैं और शुभ अंकों की ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

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