Jyotish Shastra: सनातन धर्म में एकादशी तिथि पूरी तरह से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन भक्त व्रत और पूजा करके भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। माघ मास की दूसरी एकादशी यानी जया एकादशी का विशेष महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जया एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है और इसे करने से क्या लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
जया एकादशी शुभ मुहूर्त
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 19 फरवरी को सुबह 08:49 बजे लग रही है। वहीं यह तिथि 20 फरवरी को सुबह 09:55 बजे समाप्त होगी. ऐसे में जया एकादशी का व्रत उदया तिथि के अनुसार 20 फरवरी, मंगलवार को रखा जाएगा।
जया एकादशी का महत्व
जया एकादशी के महत्व का उल्लेख ‘पद्म पुराण’ के साथ-साथ अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी किया गया है। इस व्रत के संबंध में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या जैसे पाप से मुक्ति मिल जाती है। यह भी माना जाता है कि जो भक्त इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करता है उसे भूत-पिशाच की यातनाओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
आपको ये लाभ मिलेंगे
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही जया एकादशी का व्रत करने से पाप भी खत्म हो जाते हैं।
एकादशी पूजा विधि
जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्नान-ध्यान के बाद पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की छोटी मूर्ति या चित्र स्थापित करें। अब भगवान विष्णु को चंदन का लेप, तिल, फल, दीप और धूप अर्पित करें। साथ ही इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण स्तोत्र का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी को ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा आदि देने के बाद भोजन ग्रहण करें।
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