कैसे होते हैं भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले, जानें व्यक्तित्व और स्वभाव

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Santy

किसी भी व्यक्ति की राशि और उसके जन्म के दिन का उसके जीवन पर खास महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं, और इन नक्षत्रों का अपना महत्व है। ज्योतिष में अन्य पहुलओं जैसे राशि, दिन और समय का महत्व होता है, उसी तरह नक्षत्रों का भी प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है। आपका जन्म किस नक्षत्र में हुआ है, इसका पूरा असर आपके जीवन पर भी देखने को मिलता है। यहां हम बात करते हैं नक्षत्र मंडल के दूसरे नक्षत्र भरणी नक्षत्र (Bharani Nakshatra) की।

चंद्रमा की स्थिति से होता है नक्षत्र का निर्धारण
प्रत्येक नक्षत्र में 4 चरण होते हैं। नक्षत्र मंडल के सभी 27 नक्षत्र मिलकर राशि के 360 डिग्री के एक चक्र को पूरा करते हैं। नक्षत्रों का निर्धारण करने में चंद्रमा की भूमिका अहम होती है। व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, वहीं उस व्यक्ति का जन्म नक्षत्र माना जाता है। उस नक्षत्र का व्यक्ति के जीवन पर पूरा प्रभाव होता है। अगर आपका जन्म भरणी नक्षत्र में हुआ है, तो यहां हम आपको बताएंगे कि आपका व्यक्तित्व और स्वभाव कैसा होगा। भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले की राशि मेष होती है। इसी तरह भरणी नक्षत्र (Bharani Nakshatra) का स्वामी शुक्र और मेष राशि का स्वामी मंगल होता है। ऐसे में भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वालों पर मंगल और शुक्र का प्रभाव देखने को मिलता है।

सामाजिक रूप से होते हैं प्रतिष्ठित
मंगल और शुक्र ग्रह के प्रभाव से एक तरफ जहां भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति काफी एनर्जेटिक और आकर्षक होते हैं। ये काफी लग्जरी लाइफ जीते हैं। इनके दोस्तों की संख्या भी ज्यादा होती है। ये दोस्तों में भी काफी मशहूर होते हैं। समाज में भी इनकी खूब प्रतिष्ठा होती है।

जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करते हैं
भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग किसी भी काम को अधूरा नहीं छोड़ते, जो ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। हर काम सोच-समझकर करते हैं, खासकर खर्च करने के मामले में ये तनिक भी जल्दबाजी नहीं करते। शुक्र के प्रभाव से वे सौंदर्य और कलाप्रेमी भी हो सकते हैं।

धार्मिक कार्यों के प्रति होती है रूचि
भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग आम तौर सच ही बोलते हैं। इनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इनमें धार्मिक कार्यों के प्रति भी रूचि होती है।

मंगल-शुक्र दुषित हों, तो मिलती है गलत संगति
भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वालों में कभी-कभी कुछ नकारात्मकता भी देखने को मिलती है। अगर कुंडली में मंगल और शुक्र दुषित हो, तो व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता देखने को मिल सकती है। उसकी संगत भी गलत हो सकती है।

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