Budhwaar ke totke : सनातन धर्म में बुधवार का दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है।भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का महत्व सनातन धर्म में मान्यता है। भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से साधक को मानसिक और आध्यात्मिक शांति, सुख, आनंद और आत्मिक प्रगति की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा, उपासना और स्मरण किया जाता है। विशेषकर, भक्तगण इस दिन श्रद्धा और भाव से भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। वैदिक ज्योतिष में बुधवार को भगवान बुध का दिन माना जाता है। इसलिए यह दिन मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष महत्व रखता है।
कुछ भक्तगण इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करते हैं। इस तरह, बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा, उपासना और व्रत करने से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण को विधि-विधान से पूजने से साधक के दुःखों का अंत होता है और उन्हें आनंदमय जीवन प्राप्त होता है। इसलिए, साधक बुधवार के दिन उचित विधि से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और उनकी कृपा को प्राप्त करते हैं। यहां नीचे राधा चालीसा के पाठ के लिए पंक्तियाँ दी गई हैं:
श्री राधा चालीसा:
निकुञ्ज में वसत राधा जी, श्री राधा जी की आरती, श्री राधा जी के जन्मदिन पर करते हैं गान बिहारी॥
श्री राधा जी के नाम की जपत उन्हें प्यारे, कृष्ण बांधत बंसी, मुरली मनोहर आचारे॥
मुकुट में विराजे राधा, श्री राधा चालीसा पढ़े, मन वशित मधुर मुरली, मोहन वस रहे राधे॥
नूपुर बांधे घण्टियां, कान में बाजत हारी, अंगन अंगन बरसे बादल, श्री राधा चालीसा धारी॥
पीतांबर सूं साज रचे, कृष्ण वरदान दाते, राधा कृष्ण ने दिया, नैन नीर बहाते॥
गहन गहन गहन चढ़ती, श्री राधा चालीसा लिखते, अनंत धन्य जीवन पाती, जय जय श्री राधे॥
यहां समाप्त होती है राधा चालीसा की पंक्तियाँ। इसे पूर्ण भक्ति भाव से पढ़कर आप मुरली मनोहर को प्रसन्न कर सकते हैं।
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