लखनऊ: कानपुर (Kanpur) में प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ विरोध की एक अनोखी तस्वीर सामने आई है. यहां सीवरेज की समस्या के चलते नालों में पानी की निकासी बंद हो गई, जिससे इलाके में गंदगी और बदबू फैल गई. इस समस्या से निजात पाने के लिए एक महिला पार्षद नाले में उतर गईं और उसकी सफाई करने लगीं. जो इलाके में चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, कानपुर में काफी समय से मेट्रो का काम चल रहा है. इस काम से कई लोग प्रभावित भी हो रहे हैं, इसकी वजह यह है कि खुदाई के दौरान कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इन पर चलना मुश्किल है. साथ ही धूल और प्रदूषण भी बढ़ गया है. साथ ही कई घरों की नींव प्रभावित हुई है, जिससे उनकी हालत कमजोर हो गई है.
दुर्गंध की समस्या बनी हुई
मेट्रो के काम की वजह से सीवर की समस्या शुरू हो गई है, क्योंकि सीवर की गंदगी और उससे निकलने वाला गंदा पानी नालियों में भर रहा है। नाले में गंदे पानी की निकासी बंद हो गई है, जिसकी वजह से इलाके में गंदगी और दुर्गंध की समस्या बनी हुई है। इसकी वजह से कानपुर के वार्ड 14 में रहने वाले लोग परेशान हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
इस समस्या को देखते हुए महिला पार्षद ने दुर्गंध और गंदगी से भरे नाले में उतरकर सफाई शुरू कर दी। यह सिर्फ विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि इसके जरिए महिला पार्षद मेट्रो प्रबंधन और अन्य जिम्मेदार लोगों को जनता की समस्या के प्रति जगाना चाहती हैं और उनका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहती हैं।कानपुर के जूही इलाके और यहां के वार्ड 14 में रहने वाले लोग लंबे समय से सीवर के भरने से परेशान हैं। मेट्रो विभाग द्वारा जगह-जगह की गई खुदाई की वजह से कई घरों की सीवर लाइन जाम हो गई है।
गंदगी को साफ किया
परेशान लोगों ने कई बार विभाग से इसकी शिकायत भी की, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और हालात बदतर होते चले गए। जिसके चलते क्षेत्र की पार्षद शालू कनौजिया ने खुद ऐसा कदम उठाया जो विभाग द्वारा कोई कार्रवाई और समाधान न करने का प्रतिशोध साबित हो रहा है। पार्षद शालू कनौजिया खुद सीढ़ी लगाकर गंदे नाले में उतरीं और गंदगी को साफ किया और उसके ब्लॉक को खोलने का काम शुरू किया। पार्षद को देखकर स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और काम की सराहना करते हुए जयकारे लगाने लगे और मेट्रो प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस संबंध में पार्षद शालू कनौजिया ने कहा कि उनके क्षेत्र के लोग परेशान हैं।
समाधान नहीं निकला
लोग सीवर जाम की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन मेट्रो अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि न तो कोई समस्या सुनने वाला है और न ही कोई कुछ करने वाला है। इस वजह से हर तरफ गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है। पार्षद शालू कनौजिया ने कहा कि ऐसी स्थिति में नगर निगम बेबस है और सफाई कर्मचारी भी परेशान हैं कि इस गंदगी को कैसे साफ किया जाए। उन्होंने कहा कि जब इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला तो उन्हें खुद नाले में उतरना पड़ा। शायद इससे मेट्रो के लोगों की नींद खुल जाए। एक महिला होने के नाते अगर वह नाला साफ करेगी तो अधिकारियों को भी शर्म आएगी और वे सख्त कार्रवाई करेंगे।
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