नई दिल्ली। अक्सर आपने सुना होगा कि किसी भी काम को मिलकर किया जाये, तो वो काम बहुत अच्छे से और जल्दी खत्म हो जाता है। लेकिन, कभी – कभी कुछ काम ऐसा होता है, जिन्हें हमें अकेले ही करना पढ़ता है। वहीं आचार्य ने अपनी चाणक्य नीति में बहुत सारी बातें बताइए है। जिसमें कुछ ऐसी बातें भी है जिसे अपना कर हम अपने जीवन को और भी ज्यादा अच्छा बना सकते हैं।
वहीं आचार्य चाणक्य कहते है की पुरूष व स्त्री को तपस्या अलग – अलग करना चाहिए, क्योंकि तपस्या साथ में करने से ध्यान भटकता है। जिससे तपस्या में विघ्न पड़ जाती है । अगर आप को तपस्या का सही ढंग से लाभ लेना है तो कभी भी स्त्री और पुरुष दोनों साथ में तपस्या न करे।
अलग – अलग करें पढ़ाई
अक्सर घरों में लोग एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं, जबकि आचार्य चाणक्य ने अपनी शास्त्र नीति के अनुसार एक साथ 2 या 2 से अधिक लोग एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं, तो उनका ध्यान भटक जाता है। इसलिए अलग – अलग बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए। स्त्री और पुरुष को अलग – अलग ही पढ़ाई करनी चाहिए एक साथ नहीं।
एक दूसरे के सामने न बदले कपड़े
कभी – कभी हम इतनी जल्दी में होते है कि हम अपने जीवन साथी के सामने भी कपड़ा बदल लेते है। वहीं आचार्य नीति के अनुसार पुरूष और महिला को कभी भी एक दूसरे के सामने कपड़े नही बदलना चाहिए। न किसी लडकी को कपड़ा बदलते हुए देखना चाहिए।
हमेशा साथ मिलकर करें ये काम
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी लड़ाई झगड़े नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर कभी ऐसी परिस्थिति पड़े तो कभी भी अकेले नहीं जाना चाहिए। हर लड़ाई में उन्हीं की जीत होती है, जिनके पास संख्या जादा होती है। इसलिए ऐसी परिस्थिति में मिलजुल कर ही जाना चाहिए ।