नई दिल्ली: बैंकिंग सिस्टम एक नियम कानून से चलता है और इनके अपने नियम होते हैं। ऐसे ही बैंक को चलाने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) के नियम होते हैं, जिन्हें रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन बोलते हैं। जैसे कोई बैंक वह सरकारी हो या प्राइवेट सभी के लिए रिजर्व बैंक की गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है। वहीं रिजर्व बैंक ने अभी हाल ही में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। बैंकों ने भी अब नकद की कमी को पूरा करने के मकसद से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा रही है। वहीं एफडी पर भी अच्छा खासा ब्याज दिया जा रहा है। बैंक भी अपने टारगेट पूरा करने के लिए एक से बढ़कर एक स्कीम चलते रहते हैं।
आपको बता दें कि निजी बैंकों (Private Bank) में HDFC, ICICI और Axis को लेकर केंद्र ने बड़ा फैसला लिया है। वहीं बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जा रही है। सरकार एसबीआई (SBI) को छोड़कर सभी बैंकों का निजीकरण करने जा रही है।
बैंकों में सरकारी योजनाओं का लाभ देने से लेकर एफडी तक ब्याज और राशि की गणना आरबीआई द्वारा की जाती है। सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के बैंकों को सहायता के तौर पर कृषि ऋण माफ़ की राशि भी दी जाती है। वहीं सरकार के फैसले के बाद इन तीन निजी क्षेत्र के बैंक खाताधारकों को फायदा ही फायदा होने वाला है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने तीन निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। सरकार ने तीन बैंकों को विदेशी खरीद करने के लिए वित्तीय सहायता देने की अनुमति दे दी है। बता दें कि अब ये अधिकार सिर्फ सरकारी बैंकों के पास ही थे, लेकिन अब ये इन तीन बैंकों के पास भी हो गए हैं।
सरकार का कहना है कि इन बैंकों को एक साल के अवधि के पूजी और राजस्व पक्ष पर 2000 करोड़ रुपये का ऋण पत्र जारी करने की अनुमति दी जा सकती है। दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने तीन निजी क्षेत्र के बैंकों- HDFC बैंक, ICICI बैंक और Axis बैंक को बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। अब ये तीनों बैंक भी विदेशी और प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण व्यवसाय के लिए क्रेडिट पत्र प्रदान कर सकेंगे।
पहली बार मिला निजी बैंकों को यह अधिकार
आपको जानकारी के लिए बता दें कि ये पहली बार होगा जब सरकार ने तीन निजी क्षेत्र के बैंकों को विदेशी खरीद के लिए वित्तीय सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बात की घोषणा की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन बैंकों के कार्य पर पूरी तरह से देखरेख रखी जाएगी ताकि आगे जरूरत पड़ने पर करवाई की जा सके।