नई दिल्ली: आज के समय में हर किसी को बैंक में खाता होना जरुरी बन गया है, जिससे अपने फाइनेंशियल काम को कर सकें हैं। जैसे सैलरी, सेविंग, बिजनेस का काम, आदि जैसे प्रमुख काम है। हालांकि लोग कई बार में एक से ज्दादा बैंक खातें ओपन करा लेते हैं जिससे आज के समय में बड़ी समस्या बन सकती इसका पता नहीं होता है। आज के इस खबर में आप एक से ज्यादा बैंक खातें होने पर ऐसा कई समस्या का सामना करना पड़ सकता है इसके बारे में आप को पता चल सकेगा।
दरअसल आप को बता दें कि मौजूदा समय में बैंकिग सिस्टम इतना आसना हो गया है कि पैसा कमाई करने में ज्यादा समय लगता है कि और खर्च और लेनदेन में सेकंड का काम हो गया है। बैंक अकाउंट और यूपीआई को कनेक्ट करना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल बैंक की कंडीशन पूरी करना भी है। इस वक्त बैंक खातों के लिए सबसे बड़ी मुसबित अधिक ट्रांजेक्शन हैं।
हाल में कई मुसीबत करना पढ़ रहा है, जिसमें ज्यादा ट्रांजेक्शन होने पर आईसीआईसीआई बैंक खुद भी अकाउंट को होल्ड कर रहा है। आप के पास भी एक से ज्यादा के बैंक खाते हैं तो यहां पर जान सकते हैं 1 से अधिक बैंक अकाउंट के नुकसान क्या हो सकते हैं।
ऐसे हो रहे बैंक अकांउट खाली
आप को बता दें कि अक्सर लोग एक से ज्यादा बैंक खातों को खुलवा लेतें हैं, जिसमें आप बिभिन्न काम होते हैं, कई बार में इनका काम नहीं होता है। जिससे अपने मेन खातों को भूल जाते हैं। जिससे फ्रांड का खतरा बढ़ा जाता है क्योंकि जानकारी ना होने पर ऐसी जानकारी को आप शेयर कर देतें हैं, जैसे लॉटरी लगता आदि। जिससे बैंक खाता खाल हो सकता है।
वही यदि एक से ज्यादा अकाउंट को लोग सही तरीके से मेंनेज नहीं कर पाए। तो कई निष्क्रिय पड़े रहते है। ऐसे में खाताधारक का पैन कार्ड या कोई आईडी चुरा कर धोखाधड़ी भी कर सकता है। जिससे लोगों के बैंक खाते में सेध लग सकती है, और जीवनभर की कमाई लूट सकती है।
वही बैंकिग में पासवर्ड और ओटीपी अहम होता है। 1 से ज्यादा अकाउंट खुलवा कर डेबिट कार्ड के पासवर्ड को याद रखना मुश्किल है। अक्सर लोग यूजर आईडी और पासवर्ड भूल जाते है, और उन्हे कई परेशानियां उठानी पड़ती है। जिससे भी आप के खाते में रुपए उड़ सकते हैं।
मिनिमम बैलेंस पर लेदना होगा ज्यादा चार्ज
बैंक अकाउंट में खाता खोलने पर मिनिमम बैलेंस डाले रखना होता है। SMS चार्ज, ATM चार्ज चेक बुक फीस ऐसे कई चार्ज चुकाने होते है।यदि आप ज्यादा अकाउंट खुलवते है, तो आपका हर साल का खर्चा बढ़ जाता है। इसके अलावा बैंक का डेबिट कार्ड रक शुल्क, ITR भरने में परेशानी आदि जैसी परेशानी हो सकती है।