श्रेष्ठ जीवनसाथी का सपना सभी को होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह किन लोगों को नसीब होता है। अगर नहीं पता, तो आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं। दरअसल, ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली (Horoscope) के तीसरे भाव में बैठा राहु (Rahu in third house) धन, संतान और श्रेष्ठ जीवनसाथी प्रदान करने में सहायक होता है। ऐसे व्यक्ति की बुद्धि तीव्र होती है। ऐसे जातक में एक अच्छे मित्र होने के गुण होते हैं। वैसे राहु को क्रूर और मायावी ग्रह भी कहा जाता है, जो अशुभ स्थान पर होने से मानसिक तनाव और आर्थिक परेशानी भी देता है।
तीसरे भाव में राहु का सकारात्मक प्रभाव
- कुंडली के तीसरे भाव में विद्यमान राहु संकटमोचक होता है।
- इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति स्वस्थ, साहसी और शक्तिशाली होता है।
- ऐसा व्यक्ति देश-विदेश की यात्रा करते रहता है।
- तीसरे भाव का राहु जातक को विद्वान के साथ-साथ भाग्यशाली भी बनाता है।
- ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा मित्र ही नहीं, पीठ पीछे दुश्मन भी करते हैं।
समाज में मिलती है प्रतिष्ठा
- ऐसा जातक समाज में काफी दान-पुण्य भी करता है और उसे समाज में प्रतिष्ठा मिलती है।
- ऐसा व्यक्ति सभी के साथ मित्रवत रहता है, जिसका सभी आदर करते हैं।
- ऐसा जातक किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है। इनका मन बहुत शुद्ध होता है, जिसे लोग पसंद करते हैं।
- ऐसे व्यक्ति को सफलता आसानी से प्राप्त होती है। उसे ज्यादा प्रयास या मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
तीसरे भाव में राहु का नकारात्मक प्रभाव
- ऐसे व्यक्ति को व्यवहार में जरा सा असंतुलन होने पर परेशानी उठानी पड़ती है।
- जातक एकांत प्रिय होता है, ऐसे में लोग उसे संदेह की नजर से देखते हैं।
- ऐसे व्यक्ति के निवास स्थान और मित्र के संबंधों में परिवर्तन भी हो सकता है।
- लाभ के लिए कई जातक ऐसे लोगों से संबंध बनाते हैं, जिसके पूरा नहीं होने पर लोग उनके शत्रु भी बन जाते हैं।
- ऐसे व्यक्ति को बहन की ओर से परेशानी हो सकती है, बहन का जीवन वैधव्य वाला हो सकता है।
- हालांकि नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए व्यक्ति को ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए।