किसी भी व्यक्ति की कुंडली में उपस्थित सभी भाव अपना अलग महत्व एवं स्थान रखते हैं। भाव से ही यह पता चलता है, कि किस भाव का उसके जातक पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। कुंडली के दूसरे भाव में मंगल (Mars) ग्रह होने पर जातक की क्या स्थिति होगी आइए जानते हैं…
होते हैं परिश्रमी
सभी ग्रहों में मंगल को सौरमंडल का सेनापति भी कहा गया है। मंगल पराक्रम का सूचक माना गया है। जिन लोगों की कुंडली के दूसरे भाव में मंगल (Mars) होता है, वैसे लोग परिश्रमी होते हैं। उनमें सदैव सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे लोग अपने कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए, स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बना लेते हैं। यह भी माना जाता है कि ऐसे लोग जल्दी आवेश में भी आ जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल शुभ हों, तो यह उस व्यक्ति के लिए शुभ फल एवं प्रगति का कारक बनता है।
मंगल ग्रह का सकारात्मक प्रभाव
कुंडली के दूसरे भाव में मंगल व्यक्ति को अधिक धन कमाने और सफलता पाने में पूरा साथ देता है। उनके रिश्तेदारों एवं अपने परिवार से भी अच्छे संबंध बने रहते हैं। कुछ लोगों से धोखा मिलने की संभावना भी होती है।
नकारात्मक प्रभाव
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में मंगल कमजोर हैं, तो उस व्यक्ति को छोटी-छोटी बात पर भी जल्दी क्रोध होता है। ऐसे लोग काफी भावुक भी होते हैं। दूसरे लोगों से बातचीत करने में भी परेशानी होती है। ऐसे लोगों को उच्चारण संबंधी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में वे, स्वयं को किसी के समक्ष अभिव्यक्त कर पाने में असमर्थ होते हैं।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
कुंडली के दूसरे भाव में मंगल ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को आंखों से जुड़ी समस्या हो सकती है। मानसिक उथल-पुथल की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही त्वचा रोग और सुनने में समस्या हो सकती है।
वैवाहिक जीवन में होती है समस्या
ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों की कुंडली के दूसरे भाव में मंगल होते है, उनके वैवाहिक जीवन में नकारात्मकता का संचार हो सकता है। इन लोगों का वैवाहिक जीवन शांतिपूर्ण नहीं हो पाता। दांपत्य जीवन में आपसी मनमुटाव आदि समस्याएं हो सकती हैं।
उपाय
जिन लोगों की कुंडली के दूसरे भाव में मंगल कमजोर होते हैं, उन्हें लाल रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। इससे मंगल को मजबूती मिलती है।