IND vs WI: भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में आईपीएल में चमकने वाले कुछ स्टार खिलाड़ियों के लिए नया मोड़ देखने को मिला है। हालांकि आईपीएल का प्रदर्शन हमेशा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता की गारंटी नहीं देता है, लेकिन कुछ खिलाड़ियों को वेस्टइंडीज जैसी टीम के खिलाफ स्ट्रगल करते देखना सोचने पर मज़बूर करता है, जो कठिन दौर से गुजर रही है। आइए नजर डालते हैं दो ऐसे खिलाड़ियों पर जिन्होंने आईपीएल में तो शानदार प्रदर्शन किया लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
1. अजिंक्य रहाणे: आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद, अजिंक्य रहाणे ने भारतीय टीम में अपनी जगह वापस पा ली और उन्हें टीम का उप-कप्तान भी बनाया गया। आईपीएल में रहाणे ने 14 मैचों में 32.60 की औसत और 172.48 की स्ट्राइक रेट के साथ 326 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक और एक नाबाद 71 रन शामिल हैं। हालांकि, जब वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज की बात आती है, तो रहाणे का बल्ला खामोश हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में उन्होंने पहली और दूसरी पारी में क्रमश: 89 और 46 रन बनाए. वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला में, रहाणे को संघर्ष करना पड़ा, पहले टेस्ट में केवल तीन रन और दूसरे में आठ रन ही बना सके। उनके आईपीएल फॉर्म और मौजूदा टेस्ट प्रदर्शन के बीच काफी अंतर है।
2. यशस्वी जयसवाल: आईपीएल 2023 में एक शानदार खिलाड़ी के रूप में उभरते हुए, यशस्वी जयसवाल ने राजस्थान रॉयल्स के साथ एक यादगार सीज़न बिताया, उन्होंने 14 मैचों में 48.08 की औसत और 163.61 की स्ट्राइक रेट के साथ 625 रन बनाए। यहां तक कि उन्होंने एक शतक और पांच अर्धशतक भी दर्ज किए, जिससे उनका चयन भारतीय टीम में हो गया। रहाणे के विपरीत, जयसवाल भारत के लिए खेलते हुए भी अपना शानदार फॉर्म जारी रखने में कामयाब रहे। अपने पहले टेस्ट में उन्होंने 171 रनों की शानदार पारी खेली और इस दौरान कई रिकॉर्ड तोड़े। दूसरी पारी में उन्होंने एक और बहुमूल्य 57 रन जोड़े. जयसवाल के इस प्रदर्शन से संकेत मिलता है कि उन्होंने अपने आईपीएल फॉर्म को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलतापूर्वक जारी रखा है।
जहां यशस्वी जयसवाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने में कामयाब रहे, वहीं आईपीएल में स्टार रहे अजिंक्य रहाणे और शुबमन गिल जैसे खिलाड़ियों को फिलहाल टीम इंडिया के लिए मजबूत वापसी करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।इससे यह साबित होता है कि आईपीएल की सफलता क्रिकेट के सभी फोर्मेटो में सफलता की गारंटी नहीं देती है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट हर दिन नई चुनौतियों लेकर आता है जिसे खिलाड़ियों को निरंतर पार करने की आवश्यकता होती है।