नई दिल्लीः हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की शंखनाद हो चुका है, जबकि गुजरात का अभी ऐलान नहीं हुआ है। इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के चलते दिल्ली और पंजाब की गद्दी पर बैठी आम आदमी पार्टी भी काफी मुखर नजर आ रही है। आम आदम पार्टी दोनों राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लग रही है।
फ्री बिजली से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का दावा भी कर रही है। ऐसे में आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा दिया है। अरविंद केजरीवाल ने भारत की करेंसी पर देवी-देवताओं की तस्वीर लगाने की अपील की है। अरविंद केजरीवाल ने कहा जब इंडोनेशिया जहां 85 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, वो देश अपनी करेंसी पर गणेश जी की मूर्ति लगा सकते हैं तो हम क्यों नहीं। आगे उन्होने कहा कि इंडोनेशिया में मात्र 2 प्रतिशत हिंदू आबादी है। फिर भी गणेश जी की तस्वीर उनकी करेंसी पर लगी है।
केजरी वाल के बयान के बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया पर गर्माया हुआ है। गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ‘इंडोनेशिया की करेंसी’ कीवर्ड की तलाश में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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- जानिए इंडोनेशिया की करेंसी पर क्यों छपी है गणेश जी की तस्वीर
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया ने ये नोट साल 1998 में एक ख़ास थीम के तहत जारी किया था. और अब ये नोट वर्तमान में चलन में नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल होती इस नोट की तस्वीर को ध्यान से देखें तो इसमें एक तरफ़ हिंदू देवता गणेश और एक शख़्स की तस्वीर नज़र आती रहती हैं। इस नोट पर दूसरी ओर पढ़ाई करते हुए बच्चों की इमेज नजर आ आती है।
वहीं, इंडोनेशिया सेवा से जुड़ीं वरिष्ठ पत्रकार बताती हैं कि इंडोनेशिया में गणेश जी की तस्वीर होना यहां की संस्कृति में विविधता का उदाहरण है।
आगे वह बताती हैं कि साल 1998 में जारी किए गए इस करेंसी नोट का थीम शिक्षा थी। गणेश को इंडोनेशिया में कला, बुद्धि और शिक्षा का भगवान कहा जाता है। यहां के कई शैक्षणिक संस्थानों में भी गणेश जी की तस्वीर का प्रयोग किया जाता है।
इस नोट में इंडोनेशिया के राष्ट्रीय नायक ‘की हज़ार देवंतरा’ की तस्वीर भी छपी हुई है। उन्होंने उस दौर में इंडोनेशियाई लोगों की शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष किया था जब ये देश डेनमार्क का उपनिवेश हुआ करता था।