बीसीसीआई ने शुक्रवार को दत्ताजीराव के सम्मान में खिलाड़ियों को बांह पर काली पट्टी बांधने का निर्देश दिया। इस पर भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा ये पहले किया जाना चाहिए था।
भारत और इंग्लैंड के बीच जारी तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन दत्ताजीराव गायकवाड़ को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य के लिए भारतीय टीम हाथ पर काली पट्टी बांध कर उतरी। 95 वर्ष की आयु में पूर्व क्रिकेटर ने 13 फरवरी को अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से वह बीमारी से जूझ रहे थे। इस बीच पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने गायकवाड़ के सम्मान में हुई देरी पर प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल, भारत और इंग्लैंड के बीच जारी तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत 15 फरवरी को हुई जबकि बीसीसीआई ने शुक्रवार को दत्ताजीराव के सम्मान में खिलाड़ियों को बांह पर काली पट्टी बांधने का निर्देश दिया। इस पर भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा ये पहले किया जाना चाहिए था। गावस्कर ने कहा, ”देर आए दुरुस्त आए…उन्हें पहले दिन ही ऐसा करना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। वह पांच मैचों की सीरीज में भारतीय टीम के कप्तान थे। उन्होंने पांच मैचों में से चार में कप्तानी की और दूसरे की कप्तानी पंकज रॉय ने की।”
बीसीसीआई ने जताया दुख
1951 से 1962 के बीच भारत के लिए 11 टेस्ट खेलने वाले दत्ताजीराव दाएं हाथ के बल्लेबाज थे, जो मध्यम गति और लेग-ब्रेक दोनों गेंदबाजी कर सकते थे। दत्ताजीराव 1959 के इंग्लैंड दौरे के दौरान भारत के कप्तान थे। बीसीसीआई ने दत्ताजीराव के निधन पर दुख व्यक्त किया था। बोर्ड ने कहा था कि वह इस दुख की घड़ी में गायकवाड़ के परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के साथ हैं।
बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 1952 में लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था और उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 1961 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ था। दत्ताजीराव ने रणजी ट्रॉफी में 1947 से 1961 तक बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 47.56 की औसत से 3139 रन बनाए, जिसमें 14 शतक शामिल थे।