रांची: झारखंड के गिरिडीह में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा (Violence) पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे पुलिस ने तय कर लिया था कि उन्हें हिंसा करनी है। हिंदू होली पर हथियार लेकर नहीं घूमते, उनके पास रंग होते हैं। घोरथंबा पुलिस इंस्पेक्टर ने जिस तरह से सड़क पर गाड़ी खड़ी कर लोगों को रोका, उसने हिंसा भड़का दी। उसके बाद हिंसा शुरू हो गई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा, “पुलिस ने उन लोगों पर हमला किया जो पहले से ही पेट्रोल बम और हिंसा का सामना कर रहे थे।
हिंदुओं के गुजरने पर रोक है?
पुलिस ने रात 2 बजे उन लोगों को गिरफ्तार किया जो वहां मौजूद भी नहीं थे। मेरी मांग है कि सभी निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। सीओ और अन्य को हटाया जाए। नहीं तो जरूरत पड़ी तो घोरथंबा या गिरिडीह ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड में आंदोलन होगा।” इससे पहले झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के कई विधायकों और नेताओं के साथ घोरथंबा पहुंचे और दंगा प्रभावित इलाके के लोगों से मुलाकात की।
उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह एक सोची समझी साजिश का नतीजा है. बाबूलाल मरांडी ने इस दौरान कहा कि होली खेल रहे लोगों के समूह को मस्जिद के पास से गुजरने से क्यों रोका गया? क्या मस्जिद के पास की सड़क से हिंदुओं के गुजरने पर रोक है?
र्दाश्त नहीं की जाएगी
मरांडी ने आरोप लगाया कि मस्जिद के ऊपर से पेट्रोल बम फेंके गए, पत्थरबाजी की गई और बोतलें भी फेंकी गईं. घटना को देखकर ऐसा लगता है कि हेमंत सरकार के वोट बैंक के लोगों ने पहले से ही दंगे की तैयारी कर रखी थी. मरांडी ने इस घटना में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना को अंजाम देने वालों की जगह होली खेलने वाले समूह में शामिल लोगों को खोजकर पकड़ा गया.
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की पुलिस को घरों पर पत्थरबाजी करने वालों और दुकानों को जलाने वालों की तलाश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों के खिलाफ की जा रही पुलिस कार्रवाई किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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