Sarfaraz Khan: सरफराज स्पिन खेलने में क्यों हैं हिट? नेट्स में 500 गेंद खेलते थे, ‘अखाड़ों’ में भी किया अभ्यास

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Amit Mishra

पिछले कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत और विशेष रूप से कोविड लॉकडाउन के दौरान व्यवस्थित योजना रंग लाई और राजकोट में टॉम हार्टले, जो रूट और रेहान अहमद की स्पिन तिकड़ी की सरफराज ने जमकर धुनाई की।

सरफराज खान का इंग्लैंड के स्पिनरों के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में दबदबा बनाना कोई संयोग नहीं था। यह 15 साल की कड़ी मेहनत का परिणाम था, जिसमें उनके पिता नौशाद खान ने काफी मदद की।

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नेट्स में कड़े अभ्यास और अलग अलग शहरों में जाकर खेलने से सरफराज को काफी मदद मिली। इसका नतीजा है कि राजकोट में अपने डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने अर्धशतक जड़े और रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया।

वह डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में 50+ का स्कोर बनाने वाले चौथे भारतीय बने। सरफराज ने दिखा दिया कि वह भारतीय टीम में बने रहने के लिए आए हैं। 26 वर्षीय ने घरेलू सर्किट में कई वर्षों तक मेहनत की और अपने पिता के ‘माचो क्रिकेट क्लब’ में अपने कौशल को निखारने के बाद टेस्ट कैप हासिल की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमाल दिखाने से पहले सरफराज ने रणजी में जमकर रन बनाए हैं।

पिछले कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत और विशेष रूप से कोविड लॉकडाउन के दौरान व्यवस्थित योजना रंग लाई और राजकोट में टॉम हार्टले, जो रूट और रेहान अहमद की स्पिन तिकड़ी की सरफराज ने जमकर धुनाई की। सरफराज की प्रगति को काफी करीब से देखने वाले नौशाद बताते हैं कि मुंबई के ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान में ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ सरफराज प्रति दिन 500 गेंदें खेलते थे।

नौशाद ने कहा कि सरफराज की बैटिंग प्रैक्टिस के लिए लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कारी से ही 1600 किमी की दूरी तय की। मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून तक उन्होंने ‘अखाड़ों’ की यात्रा की और वहां सरफराज से अभ्यास कराया। जहां गेंद काफी घूमती हैं। कुछ गेंद आश्चर्यजनक रूप से उछल जाती हैं और कुछ नीचे रह जाती हैं। इस अभ्यास का नजारा राजकोट टेस्ट में भी देखने को मिला जब सरफराज इंग्लिश स्पिनरों के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। उन्हें आगे बढ़कर छक्के मार रहे थे। हालांकि, सरफराज को तैयार करने का पूरा श्रेय सिर्फ नौशाद को नहीं जाता है।

भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और भारत-ए टीम के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन के पिता आरपी ईश्वरन को भी जाता है। नौशाद ने कहा कि इन सब ने सरफराज की तैयारी में योगदान दिया है। इन सभी ने स्पिनरों के खिलाफ सरफराज के नेट सेशन की व्यवस्था की। खासकर कोविड लॉकडाउन के दौरान

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