डबलिन में खेले गए सीरीज़ के दूसरे टी-20 मुकाबले को जीतकर भारतीय टीम ने सीरीज को अपने नाम कर लिया है। दोनों ही मुकाबलों में युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन तो शानदार रहा है, इसके साथ ही जसप्रीत बुमराह की कप्तानी भी गज़ब की रही। बॉलिंग चेंज से लेकर फील्डिंग पोजीशन में बदलाव करने करने तक, बुमराह हर चीज़ में कामयाब नज़र आए। भले ही जसप्रीत बुमराह ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को पहली सीरीज में जीत का स्वाद चखाया हो, लेकिन उनके अंदर वो सभी खूबियां दिखाई दीं, जोकि एक दिग्गज कप्तान में मौजूद होनी चाहिए।
बुमराह रहे शानदार कप्तान
भारतीय टीम के स्टार तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में सबसे बड़ी और सबसे अच्छी बात यह देखने को मिली कि उनको इस बात का बखूबी अंदाजा था कि कब और किस तरह से, किस गेंदबाज का इस्तेमाल करना चाहिए। कैरेबियाई दौरे पर कप्तान रहे हार्दिक पांड्या ने तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह का इस्तेमाल सिर्फ अंतिम के ओवरों में किया था।
लेकिन, जसप्रीत बुमराह ने यह गलती नहीं की और नई गेंद अर्शदीप सिंह के हाथों में थमा दी। बुमराह ने लंबे समय बाद वापसी कर रहे प्रसिद्ध कृष्णा का सही तरीक़े से इस्तेमाल किया और यही कारण था कि कृष्णा दोनों ही मुकाबलों में गेंद से चमके। रवि बिश्नोई को भी बुमराह ने मैच की स्थिति के अनुसार दोनों ही मुकाबलों में बॉलिंग अटैक पर लगाया।
गेंदबाज़ी के साथ-साथ बुमराह ने अपने बल्लेबाजों का भी सही ढंग से इस्तेमाल किया। वेस्टइंडीज की टीम के खिलाफ पूरी टी-20 सीरीज में नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करने वाले संजू सैमसन को जसप्रीत बुमराह ने आयरिश टीम के खिलाफ दोनों ही मैचों में नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने का मौका दिया, जिसका फायदा टीम इंडिया को मिला भी। दूसरे टी-20 मैच में रनों की धीमी पड़ती रफ्तार को ध्यान में रखते हुए बुमराह ने शिवम दुबे से ऊपर रिंकू सिंह को बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा।